हमारे देश में रेप और बलात्कार को सबसे बड़े अपराधों की श्रेणी में रखा गया है। इस घटना की शिकार हुई बच्चियां या महिलायें अपने जीवनभर इस चीज़ का बोझ उठती हैं। ये पीड़ा न उसकी माँ न उसकी सखी सहेली न ही कोई दूसरा समझ सकता है। जो वो महिला समझती है। देश में ये अपराध होने से रुके इससे लेकर सरकार सख्त से सख्त कदम उठा रही है। लेकिन अगर इसी बीच अगर जनता द्वारा चुने गए नेता द्वारा यह सनने को मिले कि “अगर रपे को रोक नहीं सकते, तो उसका आंनद लें” तो ? ऐसे बड़बोले बयान को सुनने के बाद हर उस महिला को और समाज को गुस्सा आएगा जिसने उस नेता को अपना प्रतिनिधि चुना है।
जी हां, ऐसा ही बड़बोला बयान कर्नाटक के कांग्रेस नेता की ओर से की गई है। इस विवादित टिप्पणी को लेकर जहां पार्टी असहज है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने (BJP) आक्रामक हो गई है। कर्नाटक में कांग्रेस विधायक के आर रमेश कुमार ने गुरुवार, 15 दिसंबर को विधानसभा में कहा कि ‘जब बलात्कार को ना रोका जा सके तो इसका आनंद लें।’ इस विवादित बयान के बाद विवाद खड़ा होने लगा। जिसके बाद उन्होंने अपने बड़बोले बयान के लिए माफी मांग ली। लेकिन 16 दिसंबर को केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को यह मुद्दा लोकसभा में भी उठाया। और कहा कि विपक्षी पार्टी को अपने इस नेता को न्याय की श्रेणी में लाना चाहिए।
बता दें कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस तरह की टिप्पणी को गलत बताया। कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर शुक्रवार, 16 दिसंबर को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा कर रहे थे तो उसके जवाब में उत्तर देते हुए स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, ”अगर आप महिलाओं के मकसद में विश्वास करते हैं तो उस विधायक की निंदा करिए जिसने कहा है कि अगर बलात्कार होता है तो उसका आंनद लेना चाहिए। जो लोग यहां आसन के निकट हैं, वो पहले अपने राजनीतिक संगठन के पास जाएं और उस व्यक्ति को न्याय के जद में लाएं।”