hemant soren

हिंसा की घटनाओं में से एक मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) को रोकने के लिए झारखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, झारखंड विधानसभा ने भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग रोकथाम विधेयक, 2021 पारित कर दिया है। ये कानून भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए लाया गया है, जिसके अंतर्गत 25 लाख रुपये तक जुर्माना और उम्रकैद की सजा हो सकती है।

इस कानून के तहत गैर जिम्मेदार तरीके से किसी सूचना को शेयर करना, पीड़ितों और गवाहों के लिए शत्रुतापूर्ण वातावरण बनाने पर भी FIR दर्ज की जाएगी। अगर मॉब लिंचिंग में किसी को गंभीर चोट आती है, तब भी दोषी को 10 वर्ष से लेकर उम्र कैद तक की सजा होगी। इसके साथ ही 3 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

इस विधेयक के पारित होने के साथ, झारखंड अब पश्चिम बंगाल, मणिपुर और राजस्थान के बाद ऐसा कानून बनाने वाला चौथा राज्य बन गया। झारखंड में मॉब लिंचिंग 2019 में तब चर्चा में आया, जब 24 वर्षीय तबरेज अंसारी को चोरी के संदेह में सरायकेला खरसावां जिले में भीड़ ने डंडे से बांधकर पीट-पीटकर मार डाला। पिछले कुछ वर्षों में झारखंड में इस तरह की घटनाओं की एक सीरीज के मद्देनजर मॉब लिंचिंग एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था।