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कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए श्रम संसाधन विभाग ने फिर से कॉल सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विभागीय मंत्री जीवेश कुमार ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की है। इस कॉल सेंटर पर बिहार से बाहर काम कर रहे मजदूरों को पूरी जानकारी दी जाएगी। अगर लॉकडाउन या किसी अन्य कारण से मजदूर किसी भी राज्य में फंस जाते हैं तो उन्हें बिहार आने में सरकार मदद करेगी। कॉल सेंटर पर मिली जानकारी के हिसाब से राज्य सरकार संबंधित राज्यों से बातचीत भी करेगी।

कॉल सेंटर का नंबर जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। यह काॅल सेंटर 24 घंटे सातों दिन काम करेगा। कॉल सेंटर पर फोन करने वाले मजदूरों का पंजीकरण किया जायेगा। इससे यह जानकारी मिल सकेगी कि कोरोना के बढ़ते मामले के बीच कितने लोग अपने घर को वापस आये। अगर बिहार आने के बाद कोई मजदूर यहीं रह कर काम करना चाहेंगे, तो उन्हें रोजगार दिलाया जायेगा।

कोरोना शुरू होने पर साल 2020 में सबसे पहले कॉल सेंटर शुरू किया गया था। उस समय देश भर से लाखों बिहारी अपने घर वापस आए थे। उस समय विभाग के खुले कॉल सेंटर पर हजारों लोगों ने फोन कर मदद मांगी थी और सरकार की ओर से उन्हें आवश्यक सहायता भी दी गई थी। इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर में भी वही व्यवस्था लागू थी। अब एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए श्रम संसाधन विभाग ने तय किया है कि पहली व दूसरी लहर की तरह कोरोना के मौजूदा मामले को देखते हुए वही व्यवस्था लागू की जाए।