फिलीपींस ने भारत के साथ दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक एंटी शिप क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos) की खरीद को मंजूरी दे दी है। यह प्रस्ताव करीब 374.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए यह पहला विदेशी ऑर्डर है। इस मिसाइल का परीक्षण INS विशाखापत्तनम से किया गया था, जो हाल ही में शामिल भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है।
यह मिसाइल भारत और रूस के बीच एक जॉइंट वेंचर है जहां DRDO, भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है और इसे इसके लगभग सभी सतह प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया है। यह मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की ज़्यादा गति से उड़ान भरती है।
इस प्रणाली की भूमि, वायु और समुद्री प्लेटफार्मों के साथ इंटेग्रेट होने की क्षमता प्रणाली को आधुनिक युद्ध में बहुत आवश्यक बहुमुखी प्रतिभा प्रदान करती है। इस मिसाइल का एक अंडर वाटर वर्जन भी विकसित किया जा रहा है जिसका उपयोग न केवल भारत की पनडुब्बियों द्वारा किया जाएगा, बल्कि मित्र देशों को निर्यात के लिए भी पेश किया जाएगा।