गणतंत्र दिवस की तैयारियां देश के सभी राज्यों में शुरू हो चुकी है। यहीं तैयारियां बिहार में भी हो रही है और इस बार कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए गणतंत्र दिवस पर निकलने वाली झांकियां कम कर दी गयी है। और अब केंद्र सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस को लेकर सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की गयी है। केंद्र के गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तिरंगे को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
भारतीय तिरंगे के सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक सलाह दी गयी है। इस सलाह में कहा गया है कि राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के अवसरों पर इवेंट ख़त्म होने के बाद जनता द्वारा लहराए गए कागज से बने राष्ट्रीय ध्वज को लोग न तो उसे तोड़ा पाए और न ही उसके सम्मान की धज्जियां उड़ाते हुए उसे जमीन पर फेंक पाए।
आने वाले गणतंत्र दिवस समारोह से पहले यह एडवाइजरी गृह मंत्रालय ने जारी की है, जो भारतीय ध्वज संहिता के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश है। एडवाइजरी में कहा गया है कि “भारतीय राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और इसलिए इसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज के लिए सार्वभौमिक स्नेह, सम्मान और निष्ठा है। राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन पर लागू होने वाले कानूनों, प्रथाओं और सम्मेलनों के संबंध में लोगों के साथ-साथ सरकार के संगठनों/एजेंसियों के बीच जागरूकता की एक स्पष्ट कमी अक्सर देखी जाती है।”
इसीलिए भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों के अवसरों पर जनता द्वारा कागज से बने राष्ट्रीय ध्वज को लहराया जा सकता है। लेकिन उससे फाड़ा और फेका नहीं जा सकता है। भारतीय ध्वज संहिता के प्रावधान के मुताबिक ध्वज की गरिमा के अनुरूप इस तरह के झंडों को निजी तौर पर निपटाया जाना चाहिए। और सभी सरकारी कार्यालयों से इस संबंध में जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने का अनुरोध किया गया है।