कुछ साल पहले मुजफ्फरपुर में हुए बालिका गृह कांड का मामला सामने आने के बाद पूरा देश सक्ते में आ गया। इस मामले में बिहार सरकार की तत्काली समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अब फिर से ऐसा ही मामला पटना के गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह से निकल कर सामने आया है। यह मामला हर दिन अलग रूप ले रहा है। जहां एक तरफ कल्याण विभाग की तरफ से कहा जा रहा है कि गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह पर लगाया गया आरोप बिलकुल गलत है। तो वहीं दूसरी पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने राज्यपाल को पत्र लिख इस मामले की सीबीआई जाँच की मांग कि है।
लेकिन राजधानी पटना के गाय घाट स्थित उत्तर रक्षा गृह की घटना को लेकर हाईकोर्ट स्वत: संज्ञान ले चुका है। अब इस मामले में महिला संगठन भी सामने आ गया है। गुरुवार, 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा समृद्धि (Seema Samridhi) पटना पहुंचीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समाज कल्याण विभाग पर गंभीर आरोप लगाया। सीमा आरोप लगते हुए कहा कि बिना पीड़िता के बयान को जाने बिना विभाग की ओर से क्लीन चिट दे देना कानून के खिलाफ है।
आगे अपने बयान में सीमा से कहा कि समाज कल्याण विभाग ने अनदेखी कर कानून का उल्लंघन किया है। कोई भी महिला अगर आरोप लगा रही है तो उस आरोप के आधार पर ही कार्रवाई कर मामला दर्ज किया जाना चाहिए था, लेकिन ये नहीं किया गया। महिला विकास मंच जो मांग कर रही है उसकी मांग पूरी नहीं होती है तो इस मामले को हम सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे। पटना में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला विकास मंच की राष्ट्रीय संरक्षक वीणा मानवी भी मौजूद थी। वीणा मानवी ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश के रिमांड होम में रहने वाली लड़कियां मिसिंग हैं। उन्होंने संदेह के आधार पर बताया कि जब वो गायघाट महिला सुधार गृह जाती थीं तो वहां की लड़कियों को रखने का जो तरीका था वो संदेहास्पद था। उन्होंने आरोप लगाने वाली पीड़ित महिला का मामला दर्ज कर एसआईटी से जांच की मांग की है। साथ ही तत्काल वंदना गुप्ता को महिला सुधार गृह से हटाया जाए।
बता दें कि सीमा समृद्धि ने हाल ही में बहुजन समाज पार्टी की प्रवक्ता के रूप में कार्यभार को संभाला है। गाय घाट स्थित महिला सुधार गृह में रह रही उत्तर प्रदेश की एक महिला ने सुधार गृह के अधीक्षक वंदना गुप्ता पर यौन शोषण करवाने और प्रताड़ित करने का संगीन आरोप लगाया है। महिला विकास मंच के माध्यम से महिला थाने में भी गुहार लगाई थी। जांच के बाद समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने क्लीन चिट देते हुए महिला के आरोपों को निराधार बताया था।