लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) ने हाल ही में एक पुस्तिका जारी की है जिसमें उन शब्दों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनका संसद (Parliament) के दोनों सदनों में उपयोग अब असंसदीय (Unparliamentary) माना जाएगा। आगामी 18 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने जा रही है लेकिन इससे पहले विपक्षी सांसदों के तत्काल विरोध को ट्रिगर करते हुए लोकसभा सचिवालय ने दोनों सदनों के लिए ‘असंसदीय शब्द 2021’ (Unparliamentary Words) शीर्षक के तहत असंसदीय शब्दों को सूचीबद्ध करने वाली एक नई पुस्तिका जारी की है। इन शब्दों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है।
जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’ और ‘स्नूपगेट’ उन शब्दों में से हैं जिन्हें लोकसभा और राज्यसभा दोनों में “असंसदीय” माना जाएगा। ‘अराजकतावादी’, ‘शकुनि’, ‘तानाशाही’, ‘तानाशाह’, ‘जयचंद’, ‘विनाश पुरुष’, ‘खालिस्तानी’ और ‘खून से खेती’ भी वाद-विवाद के दौरान या अन्यथा दोनों में इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। ‘दोहरा चरित्र’, ‘निकम्मा’, ‘नौटंकी’, ‘ढिंडोरा पीठना’ और ‘बहरी सरकार’ भी असंसदीय अभिव्यक्तियों के रूप में सूचीबद्ध शब्दों में से हैं।
इसके अलावा, ‘दंगा’, ‘दलाल’, ‘दादागिरी’, ‘दोहरा चरित्र’, ‘बेचारा’, ‘बॉबकट’, ‘लॉलीपॉप’, ‘विश्वासघाट’, ‘संवेदनहीन’, ‘मूर्ख’, ‘पिठ्ठू’, ‘गद्दार’, ‘गिरगिट’, ‘गुंडे’, ‘घड़ियाली आंसू’, गुंडागर्दी, गुलछर्रा, गुल खिलाना, गुंडों की सरकार, दोहरा चरित्र, चोर-चोर मौसेरे भाई, चौकड़ी, तड़ीपार, तलवे चाटना, ‘अपमान’, ‘असत्य’, ‘अहंकार’, ‘भ्रष्ट’, ‘काला दिन’, ‘काला बाजारी’, ‘खरीद फरोख्त’ और ‘यौन उत्पीड़न’ जैसे शब्दों को असंसदीय माना जाएगा और इसे रिकॉर्ड के हिस्से के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा।
इस संकलन में अंग्रेजी के कुछ शब्दों एवं वाक्यों को भी शामिल किया गया है जिनमें ‘ब्लडशेड’, ‘ब्लडी’, ‘अब्यूज़्ड’, ‘ब्रिट्रेड’, ‘करप्ट’, ‘ड्रामा’, ‘हिपोक्रे’, ‘अशेम्ड’, ‘चिटेड’, ‘चमचा’, ‘चमचागिरी’, ‘चेला’, ‘चाइल्डिशनेस’, ‘करप्ट’, ‘कावर्ड’, ‘क्रिमिनल’, ‘क्रोकोडाइल टियर्स’, ‘डिस्ग्रेस’, ‘डंकी’, ‘ड्रामा’, ‘ऑयवाश’, ‘फ़ज’, ‘हूगलियंस’, ‘हिपोक्रेसी’, ‘इंकम्पेटेन्ट’, ‘मिसलिड’, ‘लाई’, ‘अनट्रू’, आदि शामिल हैं।