पुणे के एक मैकेनिकल इंजीनियर से किसान बने श्रीकांत इंगल्हलीकर (Shrikant Ingalhalikar) ने जापानी शिल्प (Japanese Craft) टैम्बो एटो (Tambo Ato) का उपयोग करके अपने खेत पर 80 फीट लंबा ‘ब्लैक ईगल’ (Black Eagle) और भगवान गणेश (Lord Ganesh) का चित्र बनाया है। टैम्बो एटो एक ऐसी कला है जिसमें किसान-कलाकार खेतों में विभिन्न रंगों के चावल की किस्में लगाकर अपनी पसंद के विशाल चित्र बनाते हैं। टैम्बो एटो में खेतों का उपयोग कैनवास के रूप में किया जाता है जबकि धान की किस्मों को रंग के रूप में उपयोग किया जाता है।
सह्याद्रि में वनस्पतियों और जीवों पर अपने काम के लिए 72 वर्षीय इंगल्हलीकर काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने सिंहगढ़ रोड पर गोहरे बुद्रुक गांव में पुणे शहर के पास अपने खेत पर धान की कला का काम किया। पिछले सात वर्षों में, इंगल्हलीकर ने अपने खेत में धान कला बनाना शुरू किया। इंगल्हलीकर 2016 से ‘प्राकृतिक कैनवास’ पर जापानी धान कला का उपयोग करके चित्र बना रहे हैं। अब तक, उन्होंने भगवान गणेश, ब्लैक पैंथर, एमराल्ड डव, पिट वाइपर, गौर और लीफबर्ड की छवियां बनाई हैं।
धान कला (Paddy Art) जिसे टैम्बो कला के नाम से भी जाना जाता है, 1993 में जापान में लोकप्रिय हुई। धान कला की शुरुआत दक्षिण जापान के आमोरी के छोटे से कस्बे इनकादते गांव में हुई थी। क्षेत्रों में बिना किसी मशीन के धान की रोपाई की जाती है। किसानों ने चावल की खेती के 2000 साल पूरे होने का जश्न मनाने का फैसला किया।