पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के अंतिम दिन रामेश्वरम (Rameswaram) के अग्नितीर्थम (Agnitheertham) में बड़ी संख्या में भक्त इकट्ठा हुए। महालया पक्ष अमावस्या (Mahalaya Paksha Amavasya) के अवसर पर रविवार को लाखों भक्तों ने रामेश्वरम के अग्नितीर्थम के पवित्र जल में स्नान किया, जिसमें लोग अपने पूर्वजों का स्मरण करते हैं। मंदिर में 22 तीर्थमों में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही।
तमिल महीने पुरातासी में महालय अमावस्या को वह दिन माना जाता है जब हमारे मृत पूर्वज धरती पर आते हैं। पुरातासी अमावस्या (Puratasi Amavasya) से 15 दिन पहले महालय पक्ष की अवधि होती है, जहां पक्ष 15 दिनों का होता है। तमिल माह अवनि की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर पुराण मास की अमावस्या तक समाप्त होने वाला पखवाड़ा महालय पक्ष कहलाता है।
यह महीना हमारे पूर्वजों की दिवंगत आत्माओं की प्रार्थना करने का एक शुभ समय माना जाता है। परंपराओं के अनुसार, यह माना जाता है कि जो लोग हर महीने अमावस्या तिथि का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं और जो अपने पूर्वजों की तिथि को भूल गए हैं, वे इस दौरान श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। यह अवसर विभिन्न प्रथाओं और अनुष्ठानों से जुड़ा हुआ है। बहुत से लोग इस दिन अपने पूर्वजों की दिवंगत आत्माओं को प्रार्थना करने के लिए ‘तर्पण’ करते हैं और जरूरतमंदों को भोजन और सामग्री के साथ ब्राह्मणों को ‘भोग’ देते हैं। लोग महिषासुरमर्दिनी रचना को सुनना भी पसंद करते हैं।