वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र हर साल 15 अक्टूबर को शुरू हो जाता है। क्योंकि बिहार में मानसून के आगमन के बाद टाइगर रिजर्व को 15 जून से 15 अक्टूबर तक बंद कर दिया जाता है। जिसके बाद पर्यटक जंगल सफारी और बोटिंग का आनंद नहीं उठा पते हैं। लेकिन अब इन पर्यटकों के लिए वाल्मीकि टाईगर रिजर्व को लेकर एक अच्छी खबर सामने आ रही है। 15 अक्टूबर से 15 जून तक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए खोला जाता है।
इसी कर्म में VTR प्रशासन की ओर से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए 1 नवंबर खोला जा रहा है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटन सेवाएं एक बार फिर से शुरू होने जा रही है। बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र हर साल 15 अक्टूबर को शुरू हो जाता है जो कि 15 जून तक चलता है। लेकिन कभी-कभी मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण पर्यटन सत्र की शुरुआत में देरी हो जाती है। और इस बार प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण यह सत्र 1 नवंबर से शुरू होने जा रहा है।
जिसे लेकर VTR प्रशासन ने तैयारी भी शुरू कर दी है। लगातार हो रही बारिश के कारण जंगल के बीच रास्ते दुरुस्त कराने में दिक्कतें आ रही हैं। जिसे देखते हुए वन प्रशासन ने पर्यटन सत्र एक नवंबर से शुरू करने का फैसला लिया है। जंगल के अंदर रास्ते कच्चे हैं। और बरसात के मौसम में दलदल हो जाता है, ऐसे में पर्यटक जंगल सफारी नहीं कर पाते।
मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद VTR पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद नवंबर में खोला गया। दोबारा मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में बंद कर दिया गया था। पिछले साल 20 अक्टूबर को पर्यटन सत्र का शुभारंभ हुआ, जिसे इस साल 17 जून को बंद किया गया था। लेकिन अब ये सेवा फिर 1 नवम्बर से शुरू होने जा रहा है।
पर्यटकों को बेहतर व्यवस्था देने के लिए VTR प्रशासन जंगल सफारी के लिए आठ जिप्सी और एक टैंकर है। जिप्सी में पांच जबकि टैंकर में 12 पर्यटक बैठते हैं। पर्यटक सफारी के लिए ऑनलाइन और मैनुअल दोनों तरह से बुकिंग करा सकते है। जिप्सी का रेट 1575 रुपये और टैंकर पर एक पर्यटक के बैठने के लिए 375 रुपये लगते हैं। वन विभाग ने ई-रिक्शा की भी व्यवस्था रखी गई है।
पर्यटक ई-रिक्शा से पर्यटक मंदिर और अन्य जगह घूम सकते हैं। सिर्फ ई-रिक्शा से जंगल सफारी नहीं हो सकता, इसके लिए 50 रुपये प्रति पे करना होता है। इसके अलावा साइकिल सफारी भी पर्यटक करते हैं। इसके साथ ही गंडक नदी में बोटिंग की भी सुविधा है जिसके लिए पर्यटकों को 188 रुपये प्रति व्यक्ति देना होता है। यहां आने वाले पर्यटकों को जंगली जानवर आसानी से दिख जाते हैं।