Firecracker-Ban-In-Bihar

हर साल बिहार सहित देश भर में दिवाली के मौके पर जलने वाले पटाखों के कारण प्रदूषण स्तर काफी बढ़ जाता है। प्रदूषण ना बढ़े इसके लिए हर साल राज्य और केंद्र सरकार की ओर से पटाखों पर बैन लगाई जाती है। और ग्रीन पटाखों को जलाने के लिए सरकार और प्रशासन की ओर से सुझाव दी जाती है। इसी कर्म में बिहार में इस साल पटाखों को दिवाली में बैन किया गया है। बता दें कि यह बैन बिहार के हर जिलों में नहीं बल्कि कुछ चुनिंदा जिलों में लगा है, जो बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से लगाए गए हैं। जिसके तहत राजधानी पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में लगाए गए हैं।

बिहार के इन जिलों में किसी भी तरह के पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य शहरों में ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकते हैं। वातावरण में बढ़ रही प्रदूषण की मात्रा के मद्देनजर बोर्ड ने यह फैसला लिया है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशलेषक अरुण कुमार का कहना है कि पटाखों की ध्वनि से प्रदूषण के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी होता है।

बता दें कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से जिन शहरों में बैन लगाया गया है वहां प्रदूषण की मात्रा पहले से ही खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है। ऐसे में बोर्ड इन शहराें में सभी तरह के पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर प्रदूषण रोकने का प्रयास कर रहा है। इस संबंध में बोर्ड की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के निर्देश के बावजूद प्रदेश में ग्रीन पटाखे नहीं मिल रहे हैं। अब देखना है कि दिवाली तक बाजार में ग्रीन पटाखा आता है या नहीं। बता दें इस बार 24 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। इसको लेकर खरीदारी शुरू हो गई है। प्रदूषण बोर्ड के निर्देश के बावजूद राजधानी में पटाखे बड़े पैमाने पर बिक रहे हैं। खासकर के पटना सिटी इलाके में अभी से ही पटाखों की बिक्री तेज हो गई है।

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