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एक बार फिर बिहार ने बाहर देश जाकर अपना नाम रोशन किया। भूकंप के प्रभावों से बचाने के लिए एनआईटी पटना (NIT Patna), बिहार के प्रोफेसर डॉ. पियूष सामुई (Dr. Piyush Samui) को अंतरराष्ट्रीय संघ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें तुरीन, इटली में 1 सितम्बर, 2022 को दिया गया। यह एनआईटी में पहली बार हुआ कि किसी को अंतरराष्ट्रीय संघ पुरस्कार मिला।

उन्हें यह पुरस्कार एक तकनीक विकसित करने के लिए दिया गया। दरअसल, पियूष सामुई ने एक ऐसी तकनीक विकसित की हैं जिससे भविष्य में आने वाले भूकंप के बारें में पता लगाया जा सकता हैं। इस तकनीक में उन्होंने आरवीएम मेथड (RVM Method) का इस्तेमाल किया है। आरवीएम पद्धति का उपयोग पहले के समय में कंप्यूटर आधारित कार्यों में किया जाता था जैसे कि 2-डी (2D) छवि को 3-डी (3D) में परिवर्तित करना, कैंसर का ऑप्टिकल पता लगाना आदि।

पियूष ने इस आरवीएम मेथड का इस्तेमाल धरती के द्रवण में किया भूकंप के समय मिट्टी जो तरल की तरह ज़्यादा व्यवहार करता हैं जब की उससे ठोस की तरह करना चाहिए, और इसी तकनीक की खोज से आज भारत में ही नहीं इटली में भी बिहार का नाम ऊंचा किया। उन्होंने अपने ज्ञान से भूकंप इंजीनियरिंग (Earthquake Engineering) में काफी योगदान दिया हैं।

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