Liquor

बिहार में काफी समय से शराब बंद है लेकिन इसके बावजूद भी आये दिन शराब पीकर पकड़ाने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। लेकिन अब विभाग द्वारा ऐसी तरकीब हाथ लगी है कि अब बिहार में शराबियों की खैर नही है। क्योंकि अब शराब पीकर पकड़े गए शख्स के लिए पहचान छुपाना मुमकिन नहीं होगा। उस शराबी ने पहली बार शराब पी है या दूसरी बार, इसका पता तुरंत चल जाएगा। ऐसा इसलिए कि सरकार जल्द ही आधार प्रमाणीकरण की व्यवस्था बिहार में करने जा रही है।

जिसके बाद पहली बार शराब पीकर पकड़े गए आरोपियों को जुर्माने पर छोड़ने से पहले उनका नाम-पता अब आधार डेटाबेस से रजिस्टर्ड किया जाएगा। एक बार इसके रजिस्टर्ड होने के बाद यदि कोई दोबारा शराब के नशे में पकड़ा जाता है तो वह लाख कोशिश के बाद भी अपनी पहचान नहीं छुपा पाएगा।

आपको बता दें कि मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार शराब पीकर पकड़े जाने वाले लोगों की आधार से पहचान सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले के मद्यनिषेध कार्यालयों में आधार प्रमाणीकरण केंद्र खोला जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए पूर्व में ही भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को पत्र लिखा था। जिसे प्राधिकरण द्वारा अब इसकी मंजूरी भी दे दी गई है।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इसके बाद शराबियों के आधार सत्यापन का काम शुरू हो जाएगा। बिहार में शराबबंदी के बीच लोग शराब पी ही रहे हैं। इसलिए पहली बार शराब के नशे में पकड़े जाने वाले शख्स के घर पर पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं। इस पोस्टर में आरोपी का नाम और साथ में शपथ पत्र है, जिसमें लिखा है कि वह आगे से शराब का सेवन नहीं करेगा। अगर दोबारा पकड़ा गया तो जेल होगी।

इधर आपको बता दें कि बिहार शराबबंदी के नियमों के मुताबिक पहली बार शराब पीते पकड़े जाने वाले आरोपी को जुर्माना भरकर छूट सकते हैं।

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