बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 2.62 लाख करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ राज्य का बजट पेश किया, जो वर्तमान वित्त वर्ष के बजट से लगभग 24,000 करोड़ रुपये की वृद्धि है, जिसमें युवाओं और रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य पर ध्यान दिया गया है।, लेकिन किसी भी बड़ी नई योजनाओं की घोषणा करने से परहेज किया।

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, जिन्होंने बजट पेश किया, कहा।

 “हमने 2022-23 की तुलना में 2023-24 के लिए बजट परिव्यय में 10% से अधिक की वृद्धि की है। हमारे बेहतर राजकोषीय प्रबंधन ने हमें स्वीकार्य सीमा के भीतर राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद की है। हमने राजस्व अधिशेष बजट का अनुमान लगाया है, बताते चले

2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 2.98% पर आंका गया है, जो कि राजकोषीय उत्तरदायित्व बजट प्रबंधन अधिनियम (FRBM) के तहत निर्धारित 3% की अनुमेय सीमा के भीतर है।

वही उच्चतम आवंटन 40,450 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए उच्चतम आवंटन 40,450 करोड़ रुपये है, इसके बाद स्वास्थ्य (16,966 करोड़ रुपये), सड़क (17,487 करोड़ रुपये) और सामाजिक कल्याण क्षेत्र (12,439 करोड़ रुपये) है।

साथ ही नीतीश कुमार पिछले साल अगस्त में भाजपा को छोड़ने के बाद और राजद, कांग्रेस और अन्य दलों से हाथ मिलाने के बाद नई सरकार का यह पहला बजट है,

हालांकि राज्य के बजट में किसी नई योजना की घोषणा नहीं की गई, राज्य सरकार युवा विकास, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

शुरू की गई प्रमुख योजनाओं में, वित्त मंत्री ने 2023-24 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के लिए 2,374 करोड़ रुपये का प्रावधान, मुख्यमंत्री एसटी/एसटी उधमी योजना के तहत लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए स्वरोजगार के लिए 800 करोड रुपये तो अन्य योजनाओं के साथ-साथ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और अन्य योजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपय बताया.

विशेष दर्जे के लिए की गयी मांग

वित्त मंत्री चौधरी ने पिछले वित्त वर्ष में 10.98% आर्थिक विकास के बावजूद अपने पिछड़ेपन को दूर करने के लिए बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा, “हमें तेज आर्थिक प्रगति के लिए विशेष दर्जे की जरूरत है क्योंकि बिहार कुछ भौगोलिक चुनौतियों और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त है।”

बजट में रोजगार को प्राथमिकता दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि युवा शक्ति बिहार की शक्ति है। सरकार की 10 लाख युवाओं को रोजगार देने की योजना है। 

विभिन्न पदों और सेवाओ के लिए बिहार लोक सेवा आयोग में लगभग 50 हजार नौजवानों को नौकरी मिलेगी। कर्मचारी चयन आयोग से लगभग 2900 नौजवानों को जॉब मिलेगा।

शिक्षा और भर्ती की विषय में बताये तो

  • बिहार तकनीकी सेवा आयोग को करीब 12 हजार, यानी कुल मिलाकर 63 हजार 900 पदों पर भर्ती के लिए सूचना भेजी जा चुकी है।
  • विजय चौधरी का कहना है की   बिहार पुलिस में 75543 के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए स्वीकृति दी गई है। जिनमे बचे हुए 48 हजार 762 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी है।
  • मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक के 8 हजार 386 पद के विरुद्ध लगभग ढाई हजार अनुदेशकों की नियुक्ति की गई है। बचे हुए 5 हजार 886 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अधीन है। आगे कहा की राज्य के प्राथमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक हेतु 40 हजार 506 सृजित पदों के संबंध में अग्रसर कार्रवाई की जा रही है।राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में टीचरों के नियुक्ति के छठे चरण में कुल विज्ञापित 32 हजार 714 रिक्तियों में से 2 हजार 716 की नियुक्ति की जा चुकी है।
  • इतना ही नहीं बिहार में BPSC के जरिये 49हजार सीटें भरी जाएंगी इसके लिए सरकार जातीय जनगणना करा रही है और मई 2023 तक पूरी भी हो जायेगी। BPSC में 29000 भर्तियां और BTSC में 12000 भर्तियां होगी।   इसके साथ ही बिहार में इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी की स्थापना करने की भी घोषणा विजय चौधरी ने कर दी है। 

आगे बता दे महिला सशक्तिकरण पर नीतीश सरकार ने विशेष ध्यान दिया है।

लोक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही महिला अभ्यर्थियों को भी सरकार ने तोहफा दिया है।

  • UPSC व BPSC की तैयारी कर रही महिलाओं को सरकार ने आर्थिक सहयोग देने का एलान किया है। बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि नारी शक्ति योजना के अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग के प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाली महिला अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार की तैयारी के लिए क्रमशः एक लाख और पचास हजार की राशि दी जाएगी।
  • तलाकशुदा अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए भी बिहार सरकार ने बड़ी घोषणा की है। अल्पसंख्यक कल्याण योजना के तहत राज्य सरकार तलाकशुदा अल्पसंख्यक महिलाओं को वित्तीय सहायता राशि के तौर पर पहले 10 हजार रुपये देती थी, बढ़ाकर अब 25 हजार रुपये कर दिया गया है। यह राशि जीवन में एक बार ही दी जाती है।
  • बजट में नारी शक्ति पर जोड़ देते हुए 60 करोड़ और साइकिल योजना के लिए 50 करोड़ राशि की व्यवस्था की गयी है। विस्तार से बताये तो 10वी पास छात्राओं की छात्रवृति के लिए 94 करोड़, बालिका पोशाक योजना के लिए 100 करोड़, पटना मेडिकल कॉलेज के लिए 5540 करोड़ तो मदरसा के लिए 40 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है।