ऑस्ट्रेलियाई पीएम भारत के चार दिवसीय दौरे पर होली के दिन यानी आठ मार्च को अहमदाबाद पहुँचे थे। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज के साथ मीडिया के सामने साझा बयान जारी कर रहे थे, तभी उन्होंने एक बड़ा मुद्दा उनके सामने रखा। मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के मंदिरो में हो रहे हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से सीधे सवाल पूछ डाला। 

पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हुए हमले का ज़िक्र करते हुए कहा, ”यह खेद का विषय है कि पिछले कुछ सप्ताहों से ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों की ख़बरें नियमित रूप से आ रही हैं. स्वाभाविक है कि ऐसे समाचार भारत में सभी लोगों को चिंतित करते हैं. हमारे मन को व्यथित करते हैं. हमारी इन भावनाओं और चिंताओं को मैंने प्रधानमंत्री अल्बनीज के समक्ष रखा और उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि भारतीय समुदाय की सुरक्षा उनके लिए विशेष प्राथमिकता है.”

इससे पहले राष्ट्रपति भवन में पत्रकारों से बात करते हुए ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा था, ”भारत में गर्मजोशी से स्वागत के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूँ. ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों बेहतरीन दोस्त हैं. हम दोनों साझेदार हैं और इस साझेदारी को हर दिन और मज़बूत कर रहे हैं. हम क्रिकेट के मैदान में एक दूसरे का सामना कर रहे हैं लेकिन हमारा साथ बेहतर दुनिया के लिए है.”

अगर नहीं पता तो बता दे 2023 के जनवरी महीने से ही ऑस्ट्रेलिया के कई मंदिरों पर हमले हुए थे।  इनमें खालिस्तान समर्थक संगठनों का नाम भी आया था।  साल की शुरुआत में तीन हिन्दू मंदिरो पर हमले और तोडफ़ोड़ की खबर सामने आयी थी।  इस पुरे मामले के पीछे अब तक नाम सामने खालिस्तान समर्थक संगठनों का आया है।  ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ के दौरान मारपीट की दो घटनाएं और हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं की ओर से जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर को बिगाड़ने की नाकाम कोशिश हुई थी।  ऑस्ट्रेलिया स्थित भारतीय दूतावास ने जनवरी महीने में ऑस्ट्रेलिया में तीन मंदिरों में हुए हमले की निंदा की थी।  और साथ ही इस पुरे क्रम की उदेश्य  भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने की कोशिश भी बताई।  दरअसल इन दंगो के बाद मेलबर्न जहा भारतीयों की संख्या बहुत अधिक है वहा भी कारोबारियों का बहिष्कार की मांग उठने लगी थी।  इन हमलों के बाद मेलबर्न में ये मांग भी उठी थी कि उन कारोबारियों का बहिष्कार किया जाए, जो खालिस्तान का समर्थन करते हैं. मेलबर्न में भारतीयों की बड़ी आबादी रहती है और यहाँ रहने वालों में सबसे ज़्यादा सिख और पंजाबी शामिल हैं। दूतावास की ओर से जारी बयान में इन हमलों को चिंताजनक बताया गया है।