aadhar-card-case
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आधार कार्ड से जुड़े नहीं होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने करीब तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द किए जाने को ‘‘बेहद गंभीर” मामला बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार एवं सभी राज्यों से जवाब मांगा है। बुधवार को प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एसी बोपन्ना व जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन की बेंच ने कहा कि इसे विरोधात्मक मामले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह बहुत गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि मामले पर अंतिम सुनवाई होगी। सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ता कोयली देवी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि याचिका एक बड़े मामले को उठाती है।

CJI ने कहा, ‘‘बंबई हाईकोर्ट में भी मेरे सामने इसी प्रकार का मामला आया था। मुझे लगता है कि यह मामला संबंधित हाईकोर्ट में दायर किया जाना चाहिए था।” इसके साथ ही बेंच ने वकील से कहा कि उन्होंने मामले का दायरा बढ़ा दिया है।

गोंजाल्विस ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है क्योंकि केंद्र ने करीब तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वह किसी अन्य दिन मामले की सुनवाई करेगी क्योंकि गोंसाल्वेस ने कहा है कि केंद्र सरकार ने राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। वहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि गोंसाल्वेस ने यह गलत बयान दिया कि केंद्र ने राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। इस पर बेंच ने कहा, ‘‘हम आपसे यानी केंद्र से आधार कार्ड मामले के कारण जवाब मांग रहे हैं. यह विरोधात्मक मुकदमा नहीं है। हम अंतत: इस पर सुनवाई करेंगे। नोटिस जारी किए जाए, जिन पर चार सप्ताह में जवाब दिया जाए।”

रिपोर्ट: मनीषा