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Report by Manisha:

बिहार के सभी सरकारी-निजी स्कूलों और कॉलेजों में भी बाकी अन्य सरकारी कार्यालयों की तरह ही एक तिहाई शिक्षक ही रोजाना आयेंगे। गुरुवार को यह जानकारी शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने दी। कहा कि जिस तरह के हालात बन रहे हैं, वैसी स्थिति में शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि अब शिक्षक भी अपने विद्यालय में एक तिहाई की संख्या में ही आयेंगे।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने मंत्री के निर्देश पर सभी जिलाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। वहीं मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सारे शिक्षण संस्थान 18 अप्रैल तक बंद कर दिए गए हैं। सरकार चिंतित है कि विद्यालय कैसे खुले और हमारे बच्चे कैसे पढ़ना-लिखना शुरू करें।

शिक्षक सभी प्रकार के लंबित कार्य निपटायेंगे

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस अवधि में शिक्षकगण विद्यालय के कार्यालय संबंधी अभिलेखों का निरीक्षण, भेजी जाने वाली रिपोर्टों का अद्यतीकरण, लेखा संधारण आदि का कार्य पूर्ण कर लेंगे। शिक्षक अपने विद्यालय के भू-परिसंपत्ति संबंधी दस्तावेज आदि खोजकर अंचल कार्यालय से उसका सत्यापन आदि सुनिश्चित करेंगे।

प्रधानाध्यापक रोजाना आयेंगे

अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी डीईओ को भेजे निर्देश में कहा है कि मध्य विद्यालय, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी हेडमास्टर प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे। शेष शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी प्रतिदिन बारी-बारी से 33 फीसदी उपस्थित रहेंगे। प्राथमिक विद्यालयों में जहां दो शिक्षक हैं, वहां बारी-बारी से शिक्षक विद्यालय में मौजूद रहेंगे। जहां दो से अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं वहां प्रतिदिन बारी-बारी से 33 फीसदी उपस्थित रहेंगे। उसी प्रकार विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं उनके समकक्ष व ऊपर के सभी पदाधिकारी रोजाना उपस्थित रहेंगे जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर व उनसे नीचे के सभी अधिकारी व कर्मचारी बारी-बारी से प्रतिदिन 33 फीसदी ही विश्वविद्यालय, महाविद्यालय आयेंगे। अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम व डीईओ को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है।