Indian Wedding
Indian Wedding

कोरोना की दूसरी लहर न केवल युवाओं की जिंदगियों को निगल रहा है, बल्कि गृहस्थ की दुनिया में कदम रखने वाले दंपतियों के अरमानों को भी तोड़ रहा है। सात फेरे लेने के बाद इनको हनीमून पर जाना चाहिए था, लेकिन उखड़ती सांसें व तपते बदन उन्हें होम आइसोलेशन में पहुंचा दे रहा है। लगन की तारीखें जैसे-जैसे बीतती जा रही हैं, कोरोना संक्रमण का दुष्प्रभाव दिखने लगा है। बड़ी संख्या में नवविवाहित जोड़े से लेकर उनकी शादियों में शरीक होने वाले उनके अपने होम आइसोलेशन से लेकर कोरोना अस्पताल तक पहुंच रहे हैं। भागलपुर शहर में बीते नौ दिनों में करीब 90 से 100 शादियों का आयोजन हुआ। ये शादी न केवल घर में, बल्कि मैरेज हॉल में भी हुई।  

केस नंबर 1 
खरमनचक निवासी 27 साल के युवक की तीन मई को शादी हुई थी। हंसी-खुशी के बीच सब रस्में निभा दी गयीं, लेकिन सात मई की रात में पहले दुल्हन फिर अगली सुबह दुल्हे को बुखार, गले में खरास व सांस लेने में दिक्कत बढ़ने लगी। दोनों ने सदर अस्पताल में जांच करायी तो पॉजिटिव निकले। फिर तो इस शादी में शरीक होने वाले वर-कन्या पक्ष के लोगों ने भी जांच कराई तो पता चला कि तीन दिन में दोनों पक्षों से नौ लोग कोरोना पॉजिटिव निकले। दुल्हा-दुल्हन फिलहाल होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

केस नंबर 2 
मुंगेर के असरगंज निवासी 29 साल के एक युवक की एक मई को शादी थी। शादी स्थानीय मैरेज हॉल में हुई थी। हालांकि शादी के दो दिन बाद यानी चार मई को आयोजित रिसेप्शन को दोनों पक्षों की सहमति से टाल दिया गया। बावजूद छह मई को घर के एक 63 साल के बुजुर्ग को बुखार के बाद जांच करायी गयी तो वह पॉजिटिव निकले। फिर तो दुल्हा-दुल्हन समेत दोनों पक्षों से जुड़े अमूमन सभी सदस्यों ने जांच करायी तो इनमें से 13 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले। इसमें दुल्हा-दुल्हन व उसके मां-बाप और एक भाई भी शामिल है।

पांच दिनों में इस तरह के नौ मामले आये
सदर व मायागंज अस्पताल में शादी के बाद युवा जोड़ों को कोरोना होने के मामले लगातार आ रहे हैं। सात दिनों में अकेले मायागंज अस्पताल में नौ मामले आये। इन युवाओं की एक सप्ताह से लेकर आठ दिनों के अंदर शादी हुई थी। इसके अलावा सदर अस्पताल में बने हेल्पलाइन सेंटर में कई ऐसे फोन आ रहे हैं जो बता रहे हैं कि वे शादी के बाद कोरोना संक्रमित होकर होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। उन्हें क्या एहतियात बरतनी चाहिए। इस सेंटर में करीब 10 दिनों के अंदर 18 से 20 कॉल आ चुके हैं।

श्राद्ध की भीड़ बढ़ा रही संक्रमण की रफ्तार
ऐसा नहीं है कि सिर्फ शादियों की उमंग ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ा रही है। जनाजे व अंतिम संस्कार और श्राद्ध की भीड़ भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ा रही है। मसाकचक में नौ दिन पहले एक बुजुर्ग की मौत कोरोना से हुई। उनका अंतिम संस्कार करने वाले बेटे को तीन दिन बाद कोरोना हो गया। जब यह सूचना आम हुई तो जनाजे में शामिल उनके छह करीबियों और रिश्तेदारों को कोरोना हो गया। वहीं तातारपुर में 13 दिन पहले एक बुजुर्ग की मौत हुई थी। उनके सुपुर्द-ए-खाक कार्यक्रम में करीब 100 लोगों की भीड़ जुटी। इसमें शरीक होने वाले मृतक के पांच परिजन व उनके 14 संपर्की छह दिन के अंदर जांच में कोरोना पॉजिटिव निकले।

सीएम नीतीश ने की है सामाजिक समारोह टालने की अपील
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में ही लोगों से अपील की है कि अगर संभव हो तो वे सामाजिक समारोहों को कुछ दिनों के लिए टाल दें। श्राद्ध जैसे कार्यक्रम तो नहीं टाले जा सकते लेकिन इस मौके पर होनेवाले भोज व शादी कार्यक्रम को टाला जा सकता है। सीएम की अपील के बाद के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने सामाजिक समारोहों को स्थगित भी कर दिया है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
कोरोना विशेषज्ञों का कहना है कि शादी जैसे कार्यक्रम पूरी तरह से टाल दिये जायें तो कोरोना संक्रमण की रफ्तार में करीब 10 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। मायागंज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी ने कहा कि शादी-निकाह जैसे कार्यक्रम न केवल पूरी तरह से समाप्त कर दिये जाने चाहिए, बल्कि मौत के बाद निकले वाले मैय्यत में बहुत सीमित संख्या यानी 10 से 12 की संख्या में लोगों को शरीक होना चाहिए। शामिल हो रहे लोग न केवल डबल मास्क का इस्तेमाल करें, बल्कि सोशल डिस्टेसिंग व घर आकर पहने हुए कपड़े व जूते आदि को बाहर निकालने और गर्म पानी से स्नान करने के बाद ही अंदर प्रवेश करें। इसके अलावा कोरोना के लक्षण दिखे या न दिखे, इस तरह के कार्यक्रम में शामिल लोगों को चार से पांच दिन तक गुनगुने पानी का सेवन और दोनों टाइम गार्गल व भाप लेना चाहिए।