Aqeel-Ahmed
Aqeel-Ahmed

दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के तौर पर काम करते हैं अकील अहमद. पिछले साल के कोरोनाकाल से अब तक वे लगातार अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन कर रहे हैं. आज ईद के दिन भी वह अपनी ड्यूटी पर तैनात थे.

पटना. कोरोना महामारी (corona epidemic) के इस दौर में हर वह शख्स ईश्वर की तरह है जो परेशान लोगों की मदद में खड़ा है. सही मायने में ऐसे ही लोग कोरोना वॉरियर (Corona Warrior) के रूप में पहचाने जाते हैं. स्वास्थ्यकर्मियों (Health workers) की पहचान इस क्रम में फ्रंटलाइन वर्कर (Frontline worker) के रूप में भी बनी है. ऐसे ही कोरोना वॉरियरों में एक नाम अकील अहमद (Aqeel Ahmed) का है. वे पेश से लैब टेक्नीशियन (Lab technician) हैं और फिलवक्त दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) में तैनात हैं. अकील अपने कर्म को ही धर्म मान आज ईद के दिन भी बिना छुट्टी लिए अपने काम पर तैनात थे.

ईद के दिन भी कर रहे हैं काम

आज ईद के मुबारक दिन भी अकील अपने काम में जुटे रहे. आज उन्होंने 32 लोगों की RTPCR कोरोना टेस्ट किया और दरभंगा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इसकी जांच भी की. अपनों के बीच ईद की खुशियां मनाने से ज्यादा अकील अपना फर्ज निभा कर खुश हैं. ऐसा नहीं कि अकील सिर्फ इस ईद में ड्यूटी कर रहे हैं, बल्कि पिछले वर्ष भी ईद के दिन उन्होंने बिना छुट्टी लिए कोरोना टेस्ट करते रहे थे. कोरोनाकाल में लोगों की सेवा भाव से काम करना अकील की नियति बन गई है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि अकील बिना किसी बहाना बनाए 2020 के कोरोनाकाल से 2021 के कोरोनाकाल में कभी पीछे नहीं हटे. वे लगातार अपना फर्ज पूरे मनोयोग से निभाते रहे. उन्हें इस बात का पूरा अहसास भी है कि ऐसे बुरे वक्त में हर कोई परेशान है. ऐसे में उनकी ईद की खुशियां मनाने से ज्यादा जरूरी लोगो की सेवा करना और मदद करना है. ऐसा करके उन्हें खुशी के साथ-साथ आत्म संतुष्टि भी होती है.

दिन भर जुटे रहे काम पर
ईद के दिन दरभंगा DMCH पहुचने के बाद अकील ने सबसे पहले पीपीई किट पहना और अपने काम पर लग गए. रोज की तरह आज भी कई लोगों का कोरोना टेस्ट लिया, फिर उसकी जांच में जुट गए. अकील अहमद ने कहा कि आज DMCH आइसोलेशन वार्ड में 32 लोगों का RTCPR जांच का सैंपल लिया और उसे जांच के लिए DMCH के माइक्रोलॉजी विभाग में लाया. उन्होंने कहा कि आज ईद का दिन है और आज भी हम सुबह से काम पर लगे हैं. उनका मानना है कि सेवा ही असली धर्म है, जिसे वे निभा रहे हैं.