corona test on station
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तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। कल देश में 46 हज़ार से ज़्यादा मामले आये जिनमे से 50 से 60 फीसद से ज़्यादा केरल के थे। इसके मद्देनज़र बिहार सरकार ने फैसला किया है की केरल से बिहार आने वाले यात्रियों को स्टेशन और एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर टेस्ट कराना ज़रूरी होगा वार्ना उन्हें बिहार में प्रवेश नहीं मिलेगा। यह जानकारी सिविल सर्जन डॉक्टर विभा सिंह ने दी।

वे यात्री जांच से बच जाएंगे जिनके पास तीन दिन की समय-सीमा के भीतर की आरटीपीसीआर जांच होगी। डॉ. सिंह ने बताया कि जांच में जो पॉजिटिव पाए जाएंगे उनको आइसोलेशन सेंटर में क्वारंटाइन किया जाएगा। देश में तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। माना जा रहा की तीसरी लहर अक्टूबर में दस्तक दे सकती है जिसका सबसे ज़्यादा असर बच्चों पर पड़ेगा।

ऐसे में बिहार सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी क्योंकि उसने दूसरी लहर की भयावह तस्वीर अपने दिमाग से हटाई नहीं है। स्थिति इतनी भयावह हो गयी थी की ना तो अस्पताल में बेड मिल रहे थे और न ही शमशान और कब्रिस्तान में अंतिम क्रिया के लिए जगह। बिहार वैसे भी अपनी लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मशहूर है। यहां गाँव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो होता है लेकिन वहां बैठने के लिए डॉक्टर नहीं होते। यहां वैक्सीन लगवाने वाले तो होते हैं लेकिन वैक्सीन ही नहीं होती है। यहां के सरकारी अस्पताल किसी खंडहर से कम नहीं है। वहां तो हमेशा डर बना रहता है की कब यह ढह जाए। ऐसे में हमें खुद सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि हम किसी नेता के रिश्तेदार नहीं है जसी लिए हॉस्पिटल में पहले से बुक रहेगा।