bihar roadways
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बिहार कि राजधानी पटना में पिछले कुछ सालो से ट्रैफिक एक बड़ी और अहम समस्या हो गई है। लगातार बढ़ते ट्रैफिक से हमे दुर्घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं। हालांकि, आबादी के अनुसार पिछले कुछ समय में सड़कों में भी विस्तार हुआ है। नए पुल एवं हाईवे बने हैं, मगर इसके बावजूद रोड एक्सीडेंट एवं ट्रैफिक में कोई कमी नहीं दिख रही है। इसी क्रम में बिहार सरकार एवं पथ निर्माण विभाग मिल कर कुछ नई योजनाएं बना रहीं है।

बिहार के जिलों-शहरो में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए मास्टर ट्रैफिक प्लान लागू की गई है। इस प्लान के तहत बिहार राज्य पथ विकास निगम, शहर में लेन ड्राइविंग व्यवस्था सुधारने के लिए फुट ओवरब्रिज (एफओबी) एवं रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) निर्माण करने कि योजना बना रही है। सड़क दुर्घटना कम करने के लिए सबसे पहले एफओबी की शुरुआत पटना जिले से होगी। इसके बाद राज्य के अन्य जिले-क्षेत्रो में, खासकर के वैसे जिले में जहां पिछले 2 सालो में सड़क दुर्घटना में वृद्धि हुई हो। इसके लिए परिवहन विभाग, पथ निर्माण विभाग, एनएचएआई और ग्रामीण कार्य विभाग ने मिलकर एक सर्वे भी किया था। जिससे नालंदा, जहानाबाद सहित ऐसे करीबन 11 और जिलों के नाम सामने आए जहां सड़क दुर्घटना कि दर बेहद्द अधिक पाई गईं है।

आपको बता दें कि इसके साथ बिहार में कुल 10 नए रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) पर भी निर्माण कार्य शुरू होगा। जिसके लिए बिहार राज्य पथ विकास निगम ने अपने स्तर का काम करना शुरू भी कर दिया है। चुने गए जिन सड़कों पर आरओबी बनने हैं, उनमे दरभंगा-मधवापुर पथ, दरभंगा-कुशेश्‍वरस्‍थान पथ, दरभंगा-समस्‍तीपुर पथ, डुमरांव-भोजपुर पथ, सीवान-सिसवन, कटिहार-बलरामपुर पथ, हिसुआ-नवादा-पकरीबरामा पथ आदि शामिल है। इन सभी पथ पर आरओबी बनाने में लगभग 438 करोड़ का खर्च है। जिसके चलते पथ निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने कहा है कि फिलहाल इनमे से 3 शेष राज्य पथ है, जहां आरओबी निर्माण कार्य शुरू हो गए है। बाकि के 7 आरओबी का भी जल्द तकनीकी अनुमोदन कर के परियोजना की स्वीकृति हेतु भेज दिया जाएगा। और जवाब मिलने के बाद उन 7 पथ पर भी आरओबी निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।