teachers day
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हर इंसान के जीवन में शिक्षक की भूमिका बेहद अहम होती है। शिक्षक हमें सही और गलत का फ़र्क बता कर हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं। शिक्षक सही मार्ग दर्शन दिखाते है और साथ ही हमारे भविष्य को भी उज्जवल बनाने में जीत तोड़ मेहनत करते हैं। शायद इसलिए कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता – पिता से भी ऊपर होता है।

हर साल आज, यानि 5 सितंबर के दिन को भारत में शिक्षक दिवस यानि कि टीचर्स डे के तौर पर मनाया जाता है। सितम्बर 5, 1888 के दिन देश के पहले उप राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है जो स्वयं एक महान शिक्षक थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने एक बार छात्रों से अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद से सं 1967 से इस दिन को भारत में शिक्षक दिवस के नाम से मनाना शुरू कर दिया गया।

यूँ तो भारत में स्वतंत्रता के बाद से ही शिक्षक का महत्त्व जताने एवं उन्हें बढ़ावा देने के लिए 5 सितम्बर के दिन को शिक्षक दिवस के नाम से जाना जाता है। और सर्वजनिक तौर पर धूम धाम से हर स्कूल-कोचिंग में मनाया भी जाता रहा है। मगर देश के साथ अब पिछले कुछ सालो से विश्व भर में भी शिक्षा दिवस मानना शुरू हो गया है। दरअसल, यूनेस्को (UNESCO) द्वारा 1994 में शिक्षा एवं शिक्षक दोनों कि आम व्यक्ति के जीवन में भूमिका का महत्त्व जताने के लिए 5 अक्टूबर के दिन को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाना शुरू हुआ।

देश हो या दुनिया, शिक्षक का महत्त्व हर जगह है। इसलिए स्कूल और कॉलेजों में इस दिन विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है। भारत में ख़ासकर के शिक्षक दिवस के दिन सभी स्कूल, कोचिंग, इंस्टिट्यूट में 5 सितम्बर के दिन को धूम-धाम से मना जाता है। आज के दिन शिक्षक का महत्व बताते हुए बच्चे रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। साथ ही, इस दिन भाषण और निबंध प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती हैं। इस कोरोना काल में पिछले 1 साल में शिक्षक एवं विद्यार्थियों में थोड़ी दुरी बन गई है। मगर इस दौर में भी शिक्षक-छात्रों के बिच संपर्क एवं संबंध बनाए रखने के लिए ऑनलाइन क्लासेज की मांग बढ़ी है। ऐसे में कई जगह टीचर डे को भी वर्चुअली यानि कि ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आयोजित करवाए जाएंगे।