अभी पिछले दिनों लोजपा में मचे सियासी घमासान से सुर्ख़ियों में रहे लोजपा नेता चिराग पासवान अब एक दफा फिर सुर्ख़ियों में हैं। इस दफा वे किसी सियासी घमासान के कारण नहीं बल्कि अपने पिता रामविलास पासवान के कारण सुर्ख़ियों में हैं। 12 सितम्बर को पूर्व केंद्रीय मंत्री और दलित नेता रामविलास पासवान की पहली बरसी है। इस मौके पर उनके बेटे चिराग पासवान एक बड़ा आयोजन करने की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित राष्ट्रिय स्तर के कई शीर्ष नेताओं को न्योता भेजा है। चिराग ने मंगलवार को स्वयं इसकी जानकारी दी।
इस कार्यक्रम को राजनितिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि जहां एक ओर चिराग ने लालू परिवार को न्योता भेजा है तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को भी न्योता भेजा है। इस समय चिराग और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच पिता की सियासी विरासत को लेकर युद्ध छिड़ा हुआ है। चिराग ने मुख्यमंत्री नितीश कुमार को भी आमंत्रित किया है। यह बात भी जानना ज़रूरी है की चिराग पासवान के नितीश कुमार से भी सम्बन्ध कुछ ख़ास अच्छे नहीं हैं ऐसे में इस कार्यक्रम के कई सियासी मायने हैं।
सूत्रों के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय ने राम विलास पासवान के निधन के बाद उनके सरकारी आवास को खाली करने का नोटिस दिया था लेकिन चिराग ने सरकार के शीर्ष अधिकारयों से मुलाकात कर आवास में रहने की अनुमति मांग ली थी। गत वर्ष 8 अक्टूबर को रामविलास पासवान का निधन हो गया था। इस मौके पर चिराग के चाचा पशुपति पारस भी कुछ बड़ा आयोजन कर सकते हैं और इसके लिए वे कई राष्ट्रीय नेताओं को न्योता भी भेज सकते हैं।