कोरोना के घटते मामलों के बीच यूपी के पूर्वांचल सहित बिहार में भी डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। बिहार की राजधानी पटना में तीन दिन के अंदर डेंगू के 16 मरीज़ सामने आए हैं। पटना के कई इलाकों में बारिश के कारण जल जमाव हो गया है जिस कारण से डेंगू के मरीज़ बढ़ रहे है। डेंगू अधिकतर मरीज़ शहर के आईजीआईएमस अस्पताल में भर्ती हैं। इसके अलावा शहर के कई निजी अस्पतालों में भी डेंगू पीड़ित इलाज कराने पहुंच रहे हैं। डेंगू का सबसे ज़्यादा प्रकोप शहर के गुलजारबाग, दरियापुर, दानापुर, चैलीटाल, बैरिया, महेंद्रू, अगमकुआं, सिपारा आदि इलाकों में है। सिविल सर्जन के मुताबिक उन्हें शहर के विभिन्न अस्पतालों से इस महीने कुल 28 मरीज़ मिले हैं।
सूत्रों के मुताबिक मरीज़ों की संख्या ज़्यादा भी हो सकती है क्योंकि मरीज़ पटना के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं और उसमे से ऐसे कई अस्पताल हैं जिन्होंने सिविल सर्जन कार्यलय को मरीज़ की जानकारी वाली रिपोर्ट नहीं भेजी है। पटना की डॉक्टर और सिविल सर्जन डॉ विभा सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा, डेंगू के मच्छर साफ़ पानी में विकसित होते है। इसलिए हम लोगो से अपील करते हैं की वे अपने आस-पास साफ़ पानी न जमा होने दें। इसके लिए हमने पटना नगर निगम से शहर की जल निकासी व्यवस्था को साफ करने का भी अनुरोध किया है। आईजीआईएमएस में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ चिकित्सक मनोज कुमार चौधरी ने कहा, हमारे अस्पताल की ओपीडी में डेंगू के संदिग्ध मामले बढ़ गए हैं।
बिहार की लचर स्वास्थय व्यवस्था से पूरा देश परिचित है। बिहार के गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो है लेकिन वहां डॉक्टर नहीं बैठते हैं। डॉक्टर इसलिए भी नहीं बैठते हैं क्योंकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य केंद्र कम खंडहर ज़्यादा लगता है। वहां की हालत इतनी लचर है की वहां आवारा जानवरों ने अपना घर तक बना लिया है। वैसी ही हालत शहर के सरकारी अस्पतालों की है। शहरी अस्पतालों की इमारतें इतनी जर्जर और पुरानी हो चुकी है की वहां के कर्मचारियों और मरीज़ों को हमेशा इमारत के गिरने का डर सताया रहता है। इसलिए यह बेहतर होगा की हम पहले संभल जाएं क्योंकि हम किसी नेता या वीआईपी के रिश्तेदार नहीं हैं।