बिहार में कोरोना की रफ़्तार लगातार कम होती जा रही है। इसी बीच राजधानी पटना में अरसे बाद कोरोना का एक भी मामला नहीं सामने आया। बीते 24 घंटे में बिहार के रोहतास में 2, मधेपुरा में 1, मुंगेर में 1, नवादा में 1, बेगूसराय में 1 और सारण में 1 केस मिला। बिहार में कोरोना के अब तक कुल 7,25,852 केस मिले हैं जिनमे से 7,16,128 लोग ठीक हो चुके हैं। बिहार में अब सिर्फ 65 एक्टिव केस रह गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में कुल 1,51,963 नमूनों का परिक्षण किया गया। राज्य में अब तक 4.62 करोड़ से अधिक लोगों को टिका लगाया जा चूका है। अगर इसी तरह कोरोना काबू में रहा तो हम जल्द ही इस बीमारी पर विजय हासिल कर लेंगे और तीसरी लहर का खतरा भी टल जाएगा।
इसी बीच दुनिया के विभिन्न देशों में टीकाकरण का अभियान तेज़ी से चल रहा है। लेकिन टिका कोरोना का पुख्ता इलाज नहीं है। ज़्यादातर विकसित देश कोरोना का पुख्ता इलाज ढूढ़ने में लगे हैं और लगता है की एक देश ने इस घातक वायरस की दवाई ढूंढ ली है। संयुक्त अरब अमीरात में कोरोना के मरीज़ तेज़ी से ठीक हो रहे हैं। दुनिया की नवीनतम एंटी वायरल दवाई Sotrovimab का इस्तेमाल कर लोग इस वायरस को तेज़ी से मात दे रहे हैं। अबु धाबी स्वास्थ्य सेवा कंपनी ने कहा है की इस दवाई ने लोगों को इलाज के रूप में मदद की है। लोगों ने भी इसके सकारात्मक प्रभाव की जानकारी दी है।
यूएई निवासी 36 वर्षीय सईद अल अमेरी ने एक लोकल समाचार एजेंसी को दिय इंटरव्यू में बताया की उन्हें घर में क्वारंटाइन के दौरान तेज़ बुखार, सिर और शरीर में दर्द होने लगा जिस कारण से उन्हें शेख खलीफा मेडिकल सिटी (SKMC) के आईसीयू में भर्ती कराया गया और Sotrovimab दी गई। उन्हें चार भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल गई। हालांकि इसके तुरंत बाद उनकी पत्नी और मां को गंभीर लक्षणों के बाद इलाज की जरूरत पड़ी। उन्हें भी वही दवाई दी गई और दोनों को चार दिनों के भीतर छुट्टी मिल गई।