अवैध बालू खनन मामले में नितीश सरकार ने लिया नया फैसला। जिसके अंतर्गत विनिर्माण क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए तो राहत वाली ख़बर है। लेकिन वहीं अवैध खनन में संलिप्त वाले लोगों के लिए परेशानी वालीबात है। दरअसल मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने गुरुवार को एक अणे मार्ग में खान एवं भूतत्व विभाग की समीक्षक बैठक की थी। जहां उन्होंने पधादिकारियों को कुछ सख्त निर्देश दिए और साथ ही अवैध खनन करने वालो पर कठोर कार्रवाई की जाए का भी निश्चय किया।
सीएम नितीश कुमार ने बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए है। जिसमे रेत के दाम कम होने की उम्मीद सबसे एहम है। मुख्यमंत्री का कहना है कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बालू को ही राजस्व का सबसे मुख्य स्रोत माना जाता है। और चूंकि बरसात में रेत खनन पर रोक लगा दिया जाता है जिसकी वज़ह से राज्य में बालु की किल्लत हो जाती है। और इसी कारण बालू अवैध तरीके से बिकने लगता है और वह भी सरकारी रेट से काफ़ी महंगे रेट पर। अंतत: इसका सीधा असर निर्माण कार्य पर पड़ता है। बिहार खान मंत्री जनक राम ने इस बात का दवा दिया है कि 1 अक्टूबर से रेत खनन का कार्य शुरू हो जाएगा। और इसके साथ ही आम लोगां के लिए बालू सरकारी कीमत पर मिलने लगेगी।
और तो और मुख्यमंत्री ने अपने पधादिकारियों को संक्षिप्त रूप से कहा है कि अवैध खनन पर नियंत्रण रखने की ज़रूरत है। सभी विनिर्माण क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देश भी दिया है ताकि वह सुनिश्चित कर सके कि उपभोक्ताओं को बालू आसानी से व उचित कीमत पर प्राप्त हो रही है या नहीं। आपको बता दें कि इससे पहले आमलोग के अलावा विनिर्माण उद्योग से जुड़े लोग भी खासे परेशान हो रहे थे। जिसे मद्देनज़र रख विभाग को सतत मॉनिटरिंग करने का आदेश दिया है ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।