कोरोना काल के बाद इस साल दुर्गा पूजा का आयोजन हुआ। माता के द्वार सजे, मेला लगा साथ ही कोरोना का ख्याल रखते हुए कई पंडालों में सेवद Vaccination Camp भी चलाये गए। 9 दिनों तक माता के 9वों रूप का पूजन करते हुए आज दशहरा का समापन है। यानी आज के दिन को ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ के रूप में मनाते हैं। आज के दिन को विजयदशमी के नाम से भी जानते हैं। और आज देश भर में लोग रावण कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले का दहन करते हैं। इस साल भी इन तीनों के पुतले का दहन तो जरूर होगा लेकिन उसके साथ साथ इस साल कोरोना का भी दहन किया जायेगा।
आज, 15 ऑक्टूबर को दशहरा के पावन अवसर पर पटना में इस बार रावण, कुंभकरण, मेघनाद के साथ करोना को भी जलाया जाएगा। दशहरा कमेटी की ओर से इस बार पुतला दहन का कार्यक्रम कालिदास रंगालय में होगा। पुतलों को अंतिम रूप बन कर त्यार हो गया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल नोपनी (President Kamal Nopani) ने बताया कि 66 सालों से उनके ट्रस्ट के द्वारा ही पटना के गांधी मैदान में लगातार पुतला दहन का आयोजन होता आय है। इस बार COvid-19 के चलते इससे बाड़े रूप में न करते हुए इससे छोटे रूम में आयोजित किया जायेगा।
15 अक्टूबर की शाम 4:30 बजे से 5:30 बजे के बीच कालिदास रंगालय में रावण वध और कोरोना दहन का आयोजन किया गया है। इसके लिए लगभग 15 फीट का रावण, 13 फीट का मेघनाद, 12 फीट का कुंभकरण का पुतला तैयार किया गया है। और इसी के साथ दशहरा कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि 10 फीट का कोरोना का पुतला तैयार किया गया है।
दशहरा कमेटी द्वारा बताया हाय है कि पुतला दहन के समय चुनिंदा पासधारकों को ही कार्यक्रम उपस्थित होने की अनुमति रहेगी। कालिदास रंगालय में सीमित के लिए जगह जगह है इसीलिए रावण वध कार्यक्रम देखने के लिए 80 लोगों को ही आमंत्रण भेजा गया है। लगभग 2 सालों से कोरोना के कारण देश सहित दुनियाभर इससे काफी प्रभावित हुआ है। इसीलिए इसके प्रतीक के तौर पर वायरस के खत्म होने के लिए इसका दहन किया जा रहा है। कोरोना के पुतला के चारों तरफ रंग-बिरंगे कांटे निकले हुए हैं।