बिहार में शराबबंदी होने के बाद भी आये दिन प्रदेश में छापेमारी कर शराब बरामद किये जा रहे हैं। लेकिन सरकार हार नहीं मानने वाली है। और राज्य को नशा मुक्त बनाने में लगी है। इसी कर्म में शराब की खेप बिहार में पहुंचाने की तमन्ना रखने वाले तस्करों की अब खैर नहीं। क्योंकि अब हर मालवाहक वाहन को शराब टोही सुरंगों से गुजरकर ही बिहार में प्रवेश दिया जायेगा।
मद्य निषेध विभाग इसे लेकर पूरी तैयारी कर रहा है। जल्द ही इसके लिए आरएफपी जारी की जाएगी यानी कंपनियों से प्रस्ताव मांगा जाएगा। मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग ने पांच स्थानों पर ट्रक स्कैनिंग टनल लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए फिलहाल डोभी, रजौली, डलकोटा, गोपालगंज और कैमूर जिलों के एक-एक स्थानों को चयनित किया गया है।
आपको बता दें कि निजी मीडिया रिपोर्ट्स में छपे खबर के अनुसार इस ट्रक स्कैनिंग टनल को स्थापित करने पर 20 करोड़ प्रति टनल का खर्च आएगा। जिसका मतलब यह हुआ कि पांचों टनलों को स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। दूसरे राज्यों से माल लेकर आ रहे ट्रकों को इन टनेल से गुजारा जाएगा। इनके गुजरते ही ट्रक पर लदे सभी माल का फोटो वहां के मॉनिटर पर आ जाएगा। इससे उत्पाद विभाग के अधिकारियों के लिए शराब की खेप को पकड़ना आसान हो जाएगा।
आपको बता दें कि अभी दूसरे राज्यों से माल लेकर आ रहे ट्रकों को संदेह होने पर ही उत्पाद विभाग के अधिकारी सीमा पर रोकते हैं। फिर ट्रक से तिरपाल हटाकर एक-एक सामान उतारकर देखते हैं। इस प्रक्रिया में ट्रक चालकों को दो से तीन घंटे तक का समय लग जाता है। जिस कारण उन्हें काफी परेशानी होती है। उत्पाद विभाग के अधिकारियों को भी कारोबारियों की नाराजगी झेलनी पड़ती है। जिस कारण दिनभर में बहुत कम ट्रकों की जांच हो पाती है। कई बार एक ट्रक की जांच के दौरान दूसरे ट्रकों को छोड़ना भी पड़ता है। लेकिन इस टनल के बनने के बाद उत्पाद विभाग के अधिकारियों के साथ साथ ट्रक चालक और व्यपारियों को भी काफी राहत मिलेगी।
बता दें कि अभी सिर्फ ट्रकों केलिए यह टनल बनाया जा रहा है, बसों को स्कैनिंग टनल से गुजारने की अभी योजना नहीं है। भविष्य में इसकी जरूरत पड़ने पर पहले बस पर सवार लोगों को उतार दिया जाएगा। उसके बाद ही बस को टनल से गुजारा जाएगा। क्योंकि उससे निकलने वाली किरणों से यात्रियों को नुकसान पहुंचने का खतरा है। उत्पाद विभाग के अधिकारी इस प्रक्रिया में इस तकनीक की Updated Technology की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा बाकी जगहों के लिए भी कुछ नई तकनीक की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस प्रक्रिया में सीमा पर गाड़ियों की लगने वाली कतार की आशंका का भी विभाग को समाधान खोजना होगा।