दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल की सरकार दिल्ली में महिलाओं की सेफ्टी का बखान करते नहीं थकती। खास कर दिल्ली मेट्रो के लिए। सरकार के मुताबिक दिल्ली मेट्रो महिलाओं के लिए काफी ज्यादा सेफ है। क्योंकि दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए अलग से सीट की व्यवस्था मौजूद है। लेकिन क्या मेट्रो के अंदर अलग से सीट मुहैया करवा देने से उनकी सेफ्टी बरकरार रहती है ? क्या इसके बाद उनके साथ कोई छेड़छाड़ की घटना नहीं होती ? और मेट्रो के बहार स्टेशन पर खड़ी महिलाओं का क्या ? दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर खड़े पुलिस कर्मी क्या महिलाओं की सेफ्टी का भरोसा दिलाते हैं ? इन सभी सवालों का जवाब आज कोई मीडिया कर्मी नहीं दे रहा है। इन सभी सवालों का जवाब दिल्ली मेट्रो में सफर कर रही एक लड़की ने ट्विटर पर अपने कई सारे ट्वीट के जरिये दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी की एक लड़की ने गुरुवार, 2 जून को सोशल मीडिया पर बताया है कि दिल्ली के जोर बाग मेट्रो स्टेशन पर एक यात्री द्वारा उसे यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। लड़की ने ट्विटर पर कई सारे ट्वीट कर पुरे घटना का विवरण दिया है। उसने बताया कि कैसे उस व्यक्ति ने उसे अड्रेस मांगने के बहाने स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर उसे सेक्सुअल हैरेस किया।
लड़की ने सिलसिलेवार तरीके से कई ट्वीट्स कर पुरे घटना की जानकारी दी है। लड़की ने ये भी बताया कि कैसे स्टेशन पर खड़े पुलिस ने लड़की के मदद मांगने पर उसे मना कर दिया। अद्वैता कपूर (Advaita Kapoor) नाम की लड़की ने ट्वीट पर लिखा कि, “मैं आमतौर पर ट्वीट पर पोस्ट नहीं करती, लेकिन दिल्ली मेट्रो में आज मुझे जिस दर्दनाक घटना का सामना करना पड़ा, वह ध्यान देने योग्य है। यह एक लंबा किस्सा होने जा रहा है, इसलिए कृपया ध्यान से पढ़ें। आज येलो लाइन पर यात्रा करते समय, मुझे जोर बाग स्टेशन पर यौन उत्पीड़न सामना करना पड़ा।
उस आदमी ने मेट्रो की सवारी के दौरान एक एड्रेस पूछने के लिए मुझसे मदद मांगी थी। मैंने उसकी मदद की, फिर वह अपने स्टेशन पर उतर गया और एक कैब बुक करने के लिए प्लैटफॉर्म पर बैठ गया। उस आदमी एड्रेस कन्फर्म करने की आड़ में स्टेशन पर फिर से मुझसे संपर्क किया। मुझे लगा था कि उसे मदद की जरूरत है।
मैंने उसकी फाइल में देखा जिसे वह मुझे दिखाने की कोशिश कर रहा था। इस बीच, मैंने देखा कि वह अपने खुले लिंग को भी मुझे दिखाने की कोशिश कर रहा था। उसने ऐसा तीन बार करने का प्रयास किया। जैसे ही मैंने देखा, मैं उठकर वहां से भाग गई क्योंकि मैं डर गई थी और सोच भी नहीं सकती थी। मैंने तुरंत प्लैटफॉर्म पर खड़े एक पुलिसकर्मी से संपर्क किया।
उसने मेरी मदद करने से साफ इनकार कर दिया और मुझे इसके बारे में बात करने के लिए ऊपर जाने के लिए कहा। मैं अभी भी डरी हुई थी, लेकिन मैं किसी तरह ऊपर जाने में कामयाब रही और अन्य पुलिसकर्मियों को घटना के बारे में बताया। मैंने उनसे कहा कि मुझे सीसीटीवी रूम में ले चलो ताकि मैं उसे पहचान सकूं।
मैंने उसे पहचान लिया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई थी, लेकिन फिर हमने उसे एक अलग मेट्रो में उतरते हुए देखा। मैंने पुलिस से इसके बारे में कुछ करने के लिए कहा, लेकिन इसके बजाय उन्होंने मुझे ही दोष देना शुरू कर दिया और कहा कि में सीन क्रिएट करना चाहती हूँ और इसमें कुछ भी नहीं है।”
अद्वैता कपूर के इस ट्वीट के बाद इस घटना पर संज्ञान में लेते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने महिला से घटना का सही समय बताने को कहा है। डीएमआरसी ने ट्वीट कर कहा है कि “कृपया घटना का सही समय बताएं। ऐसे मामलों में यात्रियों से अनुरोध है कि वे मामले की तुरंत नजदीकी मेट्रो स्टाफ को रिपोर्ट करें या स्टेशन पर कस्टमर केयर सेंटर से संपर्क करें।
डीएमआरसी ने कहा कि वे डीएमआरसी हेल्पलाइन नंबर 155370 या सीआईएसएफ हेल्पलाइन नंबर 155655 पर भी कॉल कर सकते हैं ताकि तत्काल मदद मुहैया कराई जा सके।”
लेकिन सवाल ये उठता है कि जिस सेफ मेट्रो का का बखान दिल्ली सरकार करती है वो कितना सेफ है ? और वहां खड़े पुलिस कर्मी महिलाओं के प्रति कितने सजग हैं।