NIA

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार, 6 अगस्त को नई दिल्ली के बाटला हाउस से एक व्यक्ति को इस्लामिक स्टेट (IS) का सक्रिय सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान बिहार के पटना निवासी मोहसिन अहमद (Mohsin Ahmad) के रूप में हुई है।

जांच एजेंसी द्वारा 25 जून को दर्ज “आईएसआईएस (ISIS) की ऑनलाइन और जमीनी गतिविधियों” से संबंधित एक मामले में शनिवार को मोहसिन अहमद को उसके परिसर और अन्य जगहों पर तलाशी के बाद गिरफ्तार किया गया।

NIA ने रविवार, 7 अगस्त को एक बायन में कहा कि “आरोपी मोहसिन अहमद ISIS का कट्टर और सक्रिय सदस्य है। मोहसिन को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी सहानुभूति रखने वालों से ISIS के लिए धन एकत्र करने में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया है। वह ISIS की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए इन फंडों को सीरिया और अन्य स्थानों पर क्रिप्टोकुरेंसी के रूप में भेज रहा था।”

NIA ने अपने बयान में यह भी बताया कि, “पिछले रविवार को इस मामले में छह राज्यों में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी। मध्य प्रदेश में भोपाल और रायसेन जिले में, गुजरात में भरूच, सूरत, नवसारी और अहमदाबाद जिले में, बिहार में अररिया जिले में, कर्नाटक में भटकल और तुमकुर शहर जिले में, महाराष्ट्र में कोल्हापुर और नांदेड़ जिले में, और उत्तर प्रदेश के देवबंद जिलों में आईएसआईएस की गतिविधियों से संबंधित मामले में छापेमारी की गयी थी।”

एजेंसी ने कहा था कि की गई तलाशी में “अपमानजनक दस्तावेज / सामग्री” की जब्ती हुई। उसी दिन, एनआईए ने केरल के तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram, Kerala) जिले में एक साथिक बाचा उर्फ ​​आईसीएएमए साथिक (Sathik Batcha alias ICAMA Sathik) की गिरफ्तारी से संबंधित मामले में भी तलाशी ली थी। जिसे इस साल फरवरी में तमिलनाडु में चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था।

NIA के अनुसार, आरोपियों ने आम जनता और पुलिस अधिकारियों को धमकाने की साजिश रची थी और 21 फरवरी, 2022 को उनकी स्कॉर्पियो कार की चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मियों की हत्या का प्रयास भी किया गया था।

NIA ने अपने बयान में यह भी बताया कि “आरोपी व्यक्ति भारत के एक हिस्से के अलगाव के लिए नफरत भड़काने में भी शामिल थे और “Khilafah Party of India”, “Khilafah Front of India”, “Intellectual Students of India (ISI)” जैसे संगठन बनाकर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने का इरादा रखते थे।”

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