Money-Raid

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर थाना क्षेत्र में वाहनों की तलाशी अभियान के दौरान 11.50 लाख रुपए के जाली (नकली) नोटों के साथ 4 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार तस्करों के अनुसार नेपाल और बांग्लादेश से उत्तर बिहार में नकली नोटों की खेप पहुंचाई जाती रही है।

ये सब धंधा एक ही गिरोह कर रहा है। जांच में यह बात सामने आई है कि इसमें विदेशी तस्करों की भी संलिप्तता है या यूं कहें कि वही लोग इस धंधे के मास्टरमाइंड है। बॉर्डर पार से ही जाली नोट भारत में पहुंचता है। यहां से तस्कर इसे लेकर अलग-अलग इलाकों में खपाते हैं।

अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर इतनी काफी संख्या में नोटों को कैसे मार्केट में खपाया जताया है। इस बिंदु पर पुलिस ने भी सघनता से तस्करों से पूछताछ की। बताया कि ये लोग बॉर्डर इलाके से जाली नोट की खेप लेकर आते हैं। इसके बाद इसे रिटेलर को देते हैं। इस गिरोह में दर्जनों रिटेलर हैं, जो इस नोट को मार्केट में खपाने के धंधे में माहिर हैं। ये रिटेलर ही इन तस्करों से जाली नोट लेते हैं या यूं कहें की खरीदते हैं। फिर इसके बाद छोटे मार्केट में इस नोट को खपाते हैं।

बरामद जाली नोट 500, 200 और 100 रुपए के हैं, जिन्हें आसानी से नहीं पहचाना जा सकता है। तस्करों ने पुलिस को बताया है कि जाली नोटों की भी क्वालिटी होती है। इसके कागज, कलर और बनावट में अंतर होता है। इसी अनुसार से इसकी कीमत तय होती है। मगर जाली नोट काफी हद तक असली नोट से मेल खाता है तो रिटेलर इसे आधी कीमत पर खरीदते हैं। जानकारी के अनुसार जाली नोट का कारोबार मुजफ्फरपुर के अलावा, छपरा, गोपालगंज, सीवान, मोतिहारी, सीतामढ़ी और वैशाली सहित कई जिलों में फैला हुआ है।

Join Telegram

Whatsapp Group