Pati-Patni-Aur-Wo-Cartoon

अब अपनी पत्नी पर बिना सबूत चरित्रहीन का आरोप लगाना पति पर भरी पद सकता है। इसके लिए पत्नी चाहे तो पति पर मानहानि का केस दायर कर सकती है। आपको बता दें कि एक व्यक्ति को अदालत में अपनी पत्नी पर चरित्रहीनता का आरोप लगाना महंगा पड़ गया है। क्योंकि अदालत ने बगैर सबूत पति के आरोप लगाने पर पत्नी को कहा कि वह चाहे तो पति के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर सकती है। अदालत ने कहा कि एक तो पत्नी पहले से पीड़ित है, ऊपर से पति द्वारा महिला के ऊपर कीचड़ उछालना बेहद ख़राब है जो आपत्तिजनक कृत्य की श्रेणी में आता है।

निजी मीडिया रिपोर्ट्स में छपे खबर के मुताबिक, दिल्ली की East District, Karkardooma Court अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविन्द्र बेदी की अदालत ने इस मामले पर अपना फैसला सुनते हुए कहा कि “किसी भी महिला पर चरित्रहीनता का आरोप लगाना अब आम चलन हो गया है और जब यह आरोप पति द्वारा लगाया जाता है तो इसकी पीड़ा पत्नी को किस कदर तोड़ती है, जिसका अंदाजा पत्नी ही लगा सकती है। जो मामला अदालत के सामने आया है उसमें पति पूरी तरह से गलत पाया गया है, लेकिन उसने अदालत में खड़े होकर पत्नी के उसके किसी रिश्तेदार से अवैध संबंध होने का आरोप लगाते हुए संकोच नहीं किया, जबकि सबूत मांगे जाने पर वह जवाब नहीं दे पाया।”

आपको बता दें कि अदालत पहुंचने वाले इस दंपति ने साल 2017 में अंतरजातीय विवाह किया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जिस समय इनकी शादी हुई थी, तब महिला बड़ी कंपनी में कार्यरत थी। पति अभी जिस मकान में रह रहा है, उसे महिला ने शादी से पहले ही किस्तों पर खरीदा हुआ था। उस समय पति बेरोजगार था। शादी के बाद पति, पत्नी के साथ उसके ही मकान में आकर रहने लगा, लेकिन इनके संबंध एक साल भी अच्छे से नहीं चले। जिसके बाद पत्नी अपने माता पिता के घर चली गयी। इसके बाद पति ने अपनी पत्नी के घर को अपना घर बताया और साथ ही अपनी पत्नी के ऊपर संगीन आरोप लगाया है।

अदालत ने इस मुद्दे पर तमाम दस्तावेज देखने के बाद पति को निर्देश दिया है कि 30 दिन के भीतर वह पत्नी के मकान को खाली कर दे, जबकि पति इस मकान को अपना बताते हुए अदालत में गया था। लेकिन इस संबंध में वह कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। वहीं, पत्नी ने मासिक किस्त बैंक को देने का सबूत अदालत में पेश किया है।

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