UPSC-74th-rank-holder-Aayush

30 मई को UPSC 2021 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया गया है। संघ द्वारा आयोजित सिविल सर्विस की परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाती है। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए छात्र कई कोचिंग सेंटरों के चक्कर लगाते हैं। कुछ ही ऐसे स्टूडेंट होते हैं जो इस परीक्षा में सेल्फ स्टडी के दम पर परीक्षा पास करते हैं। उन्हीं कुछ स्टूडेंट्स में से एक स्टूडेंट है बिहार के नवादा जिले के आयुष। जिन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर परीक्षा को पास किया और देशभर में 74वां रैंक हासिल किया है।

नवादा के लाल ने इस परीक्षा को ऐसे पास कर लिया मानों कोई आम परीक्षा पास कर ली है। नवादा के आयुष वेंकट वत्स ने अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा में 74वां स्थान लाकर पूरे जिले का नाम रौशन। काशीचक प्रखंड के बेलड़ गांव निवासी तरुण कुमार के पुत्र ने इस परीक्षा को पास कर अपने गांव और घर का नाम रौशन किया है। उनकी इस सफलता से उनके पैतृक गांव में खुशी की लहर दौड़ गयी है।

बता दें कि, आयुष के पिता इसी 1 जून को बीइओ के पद से हजारीबाग से सेवानिवृत्त होंगे। मां निशा सिंह प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल कटोरिया बांका में प्रिंसिपल हैं। आयुष की दो बहनें जो कि दोनों ही डॉक्टर हैं। बड़ी बहन डॉक्टर शिवांगी रिम्स रांची की टॉपर रही हैं और फिलहाल वो सफदरजंग हॉस्पिटल से पीजी कर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर हैं, जबकि दूसरी बहन पीएमसीएच में गायनी विभाग में डॉक्टर है।

पिता तरुण कुमार बताते हैं कि आयुष की शुरुआती पढ़ाई देवघर से हुई और 10वीं की परीक्षा उसने देवघर से ही 2015 में पास की। इंटर की परीक्षा उसने सेंट्रल एकेडमी कोटा राजस्थान से 2017 में पास की। 12वीं पास करने के बाद उसने देश के प्रतिष्ठित दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में 2017 में ही दाखिला लिया और 2021 में मैकेनिकल इंजीनियर बन गए। इस दौरान आयुष का कैंपस सेलेक्शन भी हुआ मगर वो UPSC की परीक्षा में बैठना चाहते थे इसीलिए उन्होंने इससे नहीं चुना। और अपने पहले प्रयास में ही उन्हें सफलता मिली।

अपनी सफलता का श्रेय देते हु आयुष बताते हैं कि उनके पिता शुरु से ही उन्हें मोटिवेट करते रहते थे और हमेसा सिविल सर्विस की परीक्षा के लिए उसे मार्गदर्शन दिया करते थे। कोरोना काल में वो रोजाना 16 घंटा पढ़ाई करते थे। इस दौरान उन्होंने किसी भी कोचिंग संस्था का सहारा नहीं लिया। इंटरनेट से जरूरी गाइडेंस के साथ-साथ जरूरी स्टडी मटेरियल का सहारा लेकर उन्होंने खुद तैयारी की और इस मुकाम तक पहुंचे। आयुष ने किताबों को खुद पढ़कर नोट्स तैयार कर परीक्षा दी।

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