बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा कल यानी 17 फरवरी से शुरू हो गयी है। पूरे राज्य भर में मेट्रिक की परीक्षा शांतिपूर्ण रही। दोनों ही पालियों को मिलाकर राज्य भर में 100 परीक्षार्थियों को निष्कासित किया गया। जबकि 20 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गये। इसमें कई उम्र छुपाकर परीक्षा दे रहे थे तो वहीं कई ऐसे थे जो छात्र के बदले परीक्षा देने पहुंचे थे।
इन सभी कि पहचान फोटो मिलान के दौरान हुई और इन्हें पकड़ा गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सबसे ज्यादा निष्कासित परीक्षार्थी सारण में मिले। वहां 28 रीक्षार्थियों को निष्कासित किया गया। और वैशाली में 15 परीक्षार्थी निष्कासित हुए। वहीं सबसे ज्यादा फर्जी छात्र सुपौल जिले से पकड़े गये। वैसे ही पटना से छह, नालंदा से सात, भोजपुर से पांच, नवाद से दो, सारण से 28, सुपौल से तीन, मधेपुरा से दो, बांका से एक, खगड़िया से 12, लखीसराय से तीन, रोहतास से एक, वैशाली से 15, सीवान से एक, गोपालगंज से एक, समस्तीपुर से एक, सहरसा से दो, जमुई से छह, बेगूसराय से चार।
वहीं फर्जी छात्र की बात करें तो सुपौल से आठ, नालंदा से सात, जहानाबाद से चार, दरभंगा से एक परीक्षार्थी पकड़े गए।
मालूम हो कि, पहले दिन गणित विषय की परीक्षा ली गयी। दो पालियों में ली गयी परीक्षा के लिए प्रदेश भर में 1525 परीक्षा केंद्र बनाये गये थे। परीक्षा में 16 लाख 48 हजार से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए।
इसी बीच मैट्रिक परीक्षा के पहले दिन ही मोतिहारी में प्रश्न पत्र लीक होने की भी जांच के आदेश दिए गयें। मोतिहारी डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि लीक प्रश्न पत्र की पुष्टि करा ली गई है। जांच के लिए अपर समाहर्ता के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम का गठन कर दिया गया है। टीम विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेगी।