शनिवार को सेवा केंद्र कुर्जी में यूथ ड्रीमर्स फाउंडेशन की ओर से सैकडों विद्यार्थियों को स्कॉलर सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। इस समारोह में 104 विद्यार्थियों को वीणा उपेंद्र स्कॉलरशिप दिया गया। जिसके लिए बिहार के सभी जिलों से 972 बारहवीं पास विद्यार्थियों ने अप्लाई किया था। इसमें विद्यार्थियों को उनके ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज फीस की राशी स्कॉलरशिप के रूप में दी जाती है। पीछले साल भी सौ से ज्यादा विद्यार्थियों को ये स्कॉलरशिप दी गई थी, जो उनके ग्रेजुएशन पूरा करने तक दी जाती है।
इस समारोह की शुरुआत करते हुए यूथ ड्रीमर्स फाउंडेशन के सह-संस्थापक मनीष शर्मा ने कहा कि युवाओं को स्कॉलरशिप देना चैरिटी नहीं बल्कि समाज के विकास में किया गया सकारात्मक निवेश है। इसके जरिये हम विद्यार्थियों को उनके सपनों को उड़ान देने में मदद करते हैं। मनीष शर्मा ने नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क के शोध का हवाला देते हुए कहा कि बिहार के विद्यार्थियों को एक उच्च कोटि के कॉलेज में दाखिला के लिए तमिलनाडु के विद्यार्थियों से 140 गुणा ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। क्योंकि बिहार के अंदर उच्च गुणवत्ता वाले डीग्री कॉलेजों की भारी कमी है। जिससे यहां के विद्यार्थियों को बिहार से बाहर जाना पड़ता है। जिससे सिमित सीटों में ही उन्हे अपनी जगह बनानी पड़ती है।
संस्था के फाउंडर सौरभ मेहरोत्रा ने भारत के वैज्ञानिकों और महान विभूतियों का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे आपके पास अगर एक मजबूत इच्छा शक्ति हो तो एक छोटी सी स्कॉलरशिप आपके जीवन को संवार सकता है और उनकी संस्था विद्यार्थियों के जीवन में वही एक सकारात्मक जरिया बनने की कोशिश कर रही है।
संस्था के प्रोग्राम मैनेजर कृष्णा सिंह ने बिहार में संस्था की चार सालों की यात्रा को बताया कि कैसे उन्होंने पहले साल केवल दो सौ विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जो इस साल सात हजार तक पहुंच गई है।