अपने मेहनत से बॉलीवुड को ऑस्कर और ग्रैमी अवॉर्ड जैसे सम्मान दिलाने वाले संगीतकार एआर रहमान (AR Rahman) की धुनों ने पूरी दुनिया में एक अलग ही मुकाम हासिल किया है. संगीत में भारतीय सिनेमा को नए आयामों तक पहुंचाया है. हर इंसान के जीवन में कुछ बातें या यूँ कहे कि एक समय ऐसा भी होता है जब इंसान खुद को लाचार महसूस करते हैं. रहमान साहब के जीवन में भी एक ऐसा दौर था जब यह महान संगीतकार अपना जीवन खत्म करने के बारे में सोच रहा था. आज जब एआर रहमान अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ा यह ग़मगीन किस्सा.
एक समय ऐसा भी था जब रहमान (AR Rahman) खुद को असफल मानते थे और लगभग हर दिन खुदकुशी के बारे में सोचा करते थे. संगीतकार ने ‘नोट्स ऑफ ए ड्रीम : द ऑथराइज्ड बायोग्राफी ऑफ एआर रहमान’ में अपने मुश्किल दिनों और अन्य घटनाओं के बारे में बात की. इस किताब को कृष्ण त्रिलोक ने लिखा है. बुक में लिखें हुए बातों के अनुसार रहमान ने कहा था, ’25 साल तक, मैं खुदकुशी करने के बारे में सोचता था. हम में से ज्यादातर महसूस करते हैं कि यह अच्छा नहीं है. क्योंकि मेरे पिता का इंतकाल हो गया था तो एक तरह का खालीपन था… कई सारी चीजें हो रही थीं.’
इसके साथ ही आगे उन्होंने कहा, ‘(लेकिन) इन सब चीजों ने मुझे और अधिक निडर बना दिया. मौत निश्चित है. जो भी चीज बनी है उसके इस्तेमाल की अंतिम तिथि निर्धारित है तो किसी चीज से क्या डरना.’ आपको बता दें रहमान जब 9 साल के थे, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. पिता की मृत्यु के बाद उनके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी. पैसों के लिए घरवालों को म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट तक बेचने पड़े थे