होठों से छू लो तुम, तुमको देखा तो यह ख्याल आया जैसे अमर गीतों के लिए मशहूर रहे जगजीत सिंह मदद का हाथ बढ़ाने में भी काफी आगे थे। यहां तक कि कुमार सानू को पहला ब्रेक उनकी मदद के चलते ही मिला था। खुद कुमार सानू ने 2015 में एक इंटरव्यू में यह बात स्वीकार की थी।
कुमार सानू ने बताया था कि जगजीत सिंह की मदद से ही उन्हें कल्याणजी आनंदजी के साथ काम करने के लिए पहला ब्रेक मिला था। कुमार सानू ने बताया था, ‘मैं किशोर कुमार के गानों की रिकार्डिंग कर रहा था। उसी दौरान जगजीत सिंह वहीं पर अपनी गजलों की रिकॉर्डिंग करा रहे थे। उन्होंने जब मेरे गीत सुने तो काफी प्रभावित हुए। जगजीत ने मुझे मुलाकात के लिए बुलाया और मुझे यकीन नहीं था कि वह स्टूडियो में ही हैं। मैं उन्हें देखकर हैरान था। मिलते ही मैंने उनके पैर छुए और फिर उन्होंने मुझे अगले दिन दोपहर 12 बजे घर आने के लिए कहा। मैं जब मिलने पहुंचा तो जगजीत सिंह जी ने मुझे किशोर कुमार का कोई गाना गाने को कहा। मैं ‘मेरे सामने वाली खिड़की’ गाया। इसके बाद उन्होंने मुझे पेपर और पेन दिया और नया सीखने को कहा।’
कुमार सानू बताते हैं, ‘मैंने 5 मिनट में गाना सीखा लिया और फिर वह मुझे अपनी गाड़ी में लेकर स्टू़डियो ले गए। मैं करीब 10 से 15 दिनों तक गाना गाया और फिर उन्होंने मुझे गले लगा लिया। उन्होंने अपनी जेब से 1,500 रुपये निकालकर मुझे दिए थे। फिर हमने वह गाना लिया और कल्याणजी-आनंदजी के पास पेड्डर रोड पहुंच गए। म्यूजिक डायरेक्टर्स ने मेरे गाने को सुना और उन्हें भी काफी पसंद आया। इस तरह से करियर में पहला ब्रेक मुझे जगजीत सिंह के चलते मिला था।’ एक सरकारी कर्मचारी के घर पैदा हुए जगजीत सिंह ने अपने करियर में 40 से ज्यादा प्राइवेट अल्बम रिलीज किए थे।