Kilkari

किलकारी बिहार बाल भवन के सभागार में 27 जुलाई को द सिनेलर्नर सीनियर फिल्म फेस्टिवल के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें किलकारी के सीनियर बच्चों ने दिनांक 29 से 30 जुलाई 2022 को होने वाले द सिनेलर्नर फिल्म फेस्टिवल 2022 के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी एवं स्क्रीनिंग की जानकारी दी गयी। साथ ही फिल्मों के बारे में भी जानकारी साझा की गयी।

हमारे देश में कई राज्यों में फिल्म फेस्टिवल होते हैं, पर बच्चों और युवा फिल्मकारों को अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाता है। प्रयास है कि इन दो दिनों में ऐसा हब बनाएं जाये जहां फिल्मों की बातें हों फिल्मों पर चर्चा किया जाए, सुना जाए और युवा फिल्मकार भारतीय सिनेमा में कहाँ स्टैंड करते हैं। इसकी भी एक समझ बने। बिहार में जिस फ़िल्मी माहौल की कामना हम करते हैं, उसे बच्चों की यह पहल पूरा करेगी। इससे फिल्म के ग्रामर को समझा जा सकेगा। बच्चे सिनेमा देखना सीख कर सिनेमा बनाने की शुरुआत कर सकते हैं।

इस फेस्टिवल का उदेश्य यह है कि बच्चों एवं युवाओं में एक समझ विकसित की जाये कि वे जो पटकथा लिखते हैं, संवाद लिखते हैं। वे फिल्म बनाने के लायक है या नहीं। यह एक बेहतर प्लेटफॉर्म देगा जहाँ बिहार के बच्चे बिहार की फिल्मों के बारे में जान सकेंगें। यह नवांकुर किलकारी को अवसर देगा।

बताते चलें किड्स फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रण फिल्म फिवे, गूगल डॉक्स एवं किलकारी साइट के माध्यम से किया गया। इसी क्रम में 600 फ़िल्में आई जिसमें 49 देश से फिल्में प्राप्त हुई। जिसमें फेस्टिवल के लिए 40 फिल्मों का चयन किया गया। इसमें 10 जूनियर कैटेगरी 15 सीनियर एवं 15 इंटरनेशनल फ़िल्में हैं। भारत के अतिरिक्त स्पेन, जर्मनी, बांग्लादेश, फ्रांस, इजिप्ट, यूनाइटेड अरब, इराक, ग्रीस, फिलिपींस, नेपाल, बोल्गेरिया, आस्ट्रेलिया से भी फ़िल्में आई।

दो दिवसीय इस फिल्म फेस्टिवल में सभी फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। और इसे देखने के लिए विभिन्न स्कूलों से बच्चे आमंत्रित किए गए हैं। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। Shloka जो एक रेपर हैं, वे अपनी प्रस्तुति देंगें और बच्चों का मनोरंजन करेंगें। ‘चीं-चीं जूनियर की 10 फ़िल्में स्क्रीनिंग होगी। तीन अवार्ड भी होंगे।

सीनियर विंग की 15 फ़िल्में स्क्रीनिंग होगी। तीन जगह स्क्रीनिंग होगी किलकारी प्रेक्षागृह, बैठक कक्ष, और रात्रि में कलाग्राम में ताकि बच्चे गाँव जैसा आनंद ले सकेंगे, जैसा गाँव में चौपाल या किसी के दालान पर एक जगह बैठकर फिल्म देखते हैं। कुल 11 फ़िल्में पुरस्कृत की जाएंगी।

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