नेपाल पहले विदेश दौरे पर भारत आने की परंपरा को कायम रखने में आगे रही है। इस बार भी पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले प्रचंड नेपाली PM की पहले विदेश दौरे पर भारत आने की परंपरा को कायम रखने का फैसला किया है।

इसी के साथ पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले प्रचंड ने इस बार नेपाली PM की पहले विदेश दौरे पर भारत आने क  परंपरा को कायम रखने का फैसला किया है। नेपाल के नए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ भारत के साथ मजबूती की और कदम उठाई है। मिली जानकारी के अनुसार कि प्रचंड अप्रैल के दूसरे हफ्ते में भारत दौरे पर आएंगे। पिछले सालो की भरपाई भी इस साल होने वाली है।  दरअसल है। 2008 में जब प्रचंड पहली बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे, वे अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत नहीं जाकर चीन गए थे। उस वक्त उन्होंने चीन में हुए ओलिंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में शिरकत की थी। लेकिन इस बार भारत दौरे के लिए  प्रचंड ने चीन की ओर से 28 मार्च को हेनान में होने वाली बोआओ फोरम की बैठक से किनारा करने का मानस बनाया है।

चीन से पहले भारत को आगे रखना साफ़ तौर पर प्रचंड की प्रो इंडिया और प्रो वेस्ट सोच को दर्शाता है। राजनीतिक नजरिये से इसे प्रचंड की लंबे समय तक बतौर प्रधानमंत्री सत्ता में रहने की रानीति भी हो सकती है। अब सत्ता में प्रचंड की पार्टी की अहम सहयोगी नेपाली कांग्रेस पार्टी हमेशा से भारत समर्थक रही है। प्रचंड को अपने गठबंधन की अहम सहयोगी नेपाली कांग्रेस को ये जताना है कि वे भारत को विशेष तरजीह देते हैं। इसलिए भारत की पहली यात्रा कर संबंध मजबूत करेंगे।