पिछले सप्ताह से चल रहे तमिल नाडु और मनीष कश्यप ऑपरेशन में अब एक बड़ा मोड़ आ गया है। मनीष कश्यप ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। मनीष ने बेतिया के जगदीशपुर ओपी में सरेंडर किया है। मनीष कश्यप को बेतिया एसपी और कई थानों की टीम अपनी सुरक्षा में लेकर निकल चुकी है।
बिहार में महौल कुछ अलग है क्यूंकि यूट्यूबर मनीष कश्यप की बड़ी फैन फॉलोविंग है जो की सपोर्ट में थाने की गेट पर जुटे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से मनीष कश्यप कई मीडिया चैनेलो से लगातार संपर्क में थे और तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया की इन सब के पीछे वही है। लेकिन एक बार भी अपने बात से पीछे नहीं हटे और मीडिया से बिहार में जंगल राज की शिकायत करते दिखे।
बता दें क जगदीशपुर ओपी की पुलिस शनिवार सुबह मनीष के घर की कुर्की करने पहुंची। मजिस्ट्रेट की तैनाती में मझौलिया के डुमरी महनवा गांव में पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई शुरू की। बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से EOU और बिहार पुलिस की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही थी। शुक्रवार को मनीष कश्यप के खिलाफ कुर्की निकाली गई थी और आज कुर्की की कार्रवाई भी की गई। इससे दबाव में आकर मनीष ने सरेंडर कर दिया है। अब आगे की कार्रवाई की जा रही है।
ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब मनीष कश्यप ने BNR News हनी नाम के एक यूट्यूब चैनल के वीडियो को शेयर किया था। इस वीडियो में पट्टी बांधे गए दो युवकों अनिल कुमार और आदित्य कुमार को मजदूर दिखाया गया। इस वीडियो को मनीष कश्यप के साथी और गोपालगंज के रहने वाले राकेश कुमार रंजन ने शूट किया और 6 मार्च को उसे अपलोड कर दिया। शुरुआत से ही ये वीडियो संदिग्ध थी। अब फेक न्यूज़ को फैलाने के मामले में मनीष कश्यप पर पटना में 3 FIR दर्ज हैं। इनमें 2 केस आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने तमिलनाडु विवाद पर फेक वीडियो बनाने को लेकर दर्ज किया है। वहीं तीसरा केस अपनी झूठी गिरफ्तारी की बात वायरल करने को लेकर दर्ज किया गया है। इधर पश्चिम चंपारण में भी उन पर कुल 7 मामले दर्ज हैं। इनमें से एक केस पर कुर्की जब्ती के लिए पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दी थी। इसी को लेकर शनिवार सुबह से कार्रवाई की जा रही थी।
इस पुरे फेक न्यूज़ की जब पड़ताल हुई तो मालूम हुआ की वीडियो को अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर शूट किया था। ADG ने दावा किया कि राकेश ने पटना के जक्कनपुर थाना के तहत बंगाली कॉलोनी में एक घर किराए पर ले रखा है। इसी जगह पर इसने वीडियो को अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर शूट किया था। इस बात को पूछताछ में राकेश ने कबूल भी किया है। पुलिस की जांच को गलत दिशा में ले जाने के उद्देश्य से ही वीडियो को बनाया गया था।