आज पेश होगा 2023-24 का बिहार बजट। यह बजट बहुत ही अहम होने वाला है क्यूंकि सबसे पहले 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी महागठबंधन की सरकार कई लोक लुभावन घोषणाएं कर सकती है। वही इस बार बजट पेश में JDU,RJD के साथ करेगी। 2022-23 का बजट जब पेश हुआ था, तब जदयू भाजपा के साथ थी। महागठबंधन सरकार की ओर से इस बार वित्त मंत्री विजय चौधरी बजट पेश करेंगे।
रोजगार पर रखे उम्मीद
तेजस्वी यादव जो की अपने रोज़गार वायदे को लेकर काफी चर्चा में रहते है अब सभी युवाओ का उम्मीद इधर की ओर केंद्रित है। उनका यहां तक कहना था कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद उनकी कलम से सबसे पहले युवाओं के लिए नौकरियां ही निकलेंगी। हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से 20 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी। ऐसे में महागठबंधन सरकार के बजट में इस बार रोजगार को लेकर बड़े एलान होने की संभावना है।
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के दावे
बिहार के वित्त मंत्री के मुताबिक “राज्य की अर्थव्यवस्था भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आंध्र प्रदेश (11.4 प्रतिशत) और राजस्थान (11.04 प्रतिशत) के बाद बिहार की 10.98 प्रतिशत की वृद्धि देश के शीर्ष पांच सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में तीसरे स्थान पर है।”
इतना ही नहीं बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को कहा कि राज्य ने विकास दर के मामले में वित्त वर्ष 2021-22 में 10.98 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो 8.68 प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।
पिछले बजट से तुलना
बिहार बजट के आकार की बात करें तो वित्त वर्ष 2021-22 का बजट 2 लाख 18 हजार 302 करोड़ 70 लाख रुपये का था। वहीं, 2022-23 में इसे बढ़ाकर 2 लाख 37 हजार 691 करोड़ 19 लाख रुपये कर दिया गया था। इसमें बिहार सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सबसे ज्यादा राशि 39,191 करोड़ रुपये दिए थे। यह कुल बजट का 16.5 फीसदी हिस्सा था। वहीं, कृषि क्षेत्र में बिहार सरकार ने 2022-23 में 29 हजार 749 करोड़ रुपये दिए थे। इस बार के बजट में देखना होगा कि सरकार शिक्षा, रोजगार और कृषि के लिए कितनी राशि देती है। बता दे दोनों ही बार जदयू-भाजपा की सरकार ने बजट पेश किया था। आगे बढ़ते हुए अगर सरकार की आमद और खर्च की बात करे तो आर्थिक सर्वेक्षण कहता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार का कुल व्यय 1.93 लाख करोड़ रुपये था। इसमें से 1.59 लाख करोड़ (82.4 प्रतिशत) रुपये राजस्व व्यय हुआ।