driverless train

साइंस और टेक्नोलॉजी के इस बदलते दुनिया में अब कोई भी जादू, नामुमकिन नहीं लगता, चाहे वो हवा में कार उड़ाने की बात हो या फिर पानी के अंदर एक पूरी दुनिया बसाने की बात हो, आज के इस डिजिटल दुनिया में सब मुमकिन है। रेल ट्रांसपोर्ट को और ज़्यादा इंटेलीजेंट बनाने के लिए अब एक नयी कोशिश की जा रही है। रेलमार्ग अब डिजिटल फ्यूचर में आ गया है। दरअसल, जर्मनी में दुनिया का पहला ड्राइवरलेस ट्रेन शुरू किया गया है, जो की बिना ड्राइवर के चलेगी। ये सुनने में काफी रोमांचक और डरवाना भी लग रहा है की अगर हम बिना ड्राइवर की सवारी करने वाली ट्रेन में बैठेंगे तो क्या ज़िंदा वापस घर जा पाएंगे ? पर डरिये मत क्योंकि ये पूरी तरह से सेफ है।

जर्मनी में दुनिया की पहली ऑटोमेटेड यानी की स्वचालित और ड्राइवरलेस ट्रेन शुरू की गयी है। इसे World-first नाम दिया गया है। जर्मन रेल ऑपरेटर Deutsche Bahn और इंडस्ट्रियल ग्रुप Siemens द्वारा शुरू की गयी इस सेल्फ-ड्राइविंग ट्रेन को हैम्बर्ग शहर में लॉन्च किया गया है। इस ड्राइवरलेस ट्रेन को आम ट्रेनों की तुलना में समय पर काम करने वाली और एनर्जी एफिसिएंट माना गया है। यह प्रोजेक्ट हैम्बर्ग की Rapid Urban Rail System के 60 मिलियन यूरो के आधुनिकीकरण का हिस्सा है।

जर्मनी के इस पहले ड्राइवरलेस ट्रेन के अलावा पेरिस जैसे अन्य शहरों में भी ड्राइवरलेस मेट्रोज हैं जबकि एयरपोर्ट्स में भी अक्सर ऑटोमेटेड मोनोरेल ट्रेनें चलती हैं, लेकिन वे स्पेशल सिंगल ट्रैक्स पर चलती हैं जबकि जर्मनी का ये हैम्बर्ग ट्रेन अन्य रेगुलर ट्रेनों के साथ पटरियों को साझा करेगी। ये ड्राइवरलेस ट्रेन 30 प्रतिशत अधिक यात्रियों को ले जा सकती हैं, साथ ही समय की पाबंदी में काफी सुधार कर सकती हैं और 30 प्रतिशत से अधिक एनर्जी बचा सकती हैं। ये ट्रेन पूरी तरह से स्वचालित है और इसे डिजिटल टेक्नोलॉजी द्वारा कंट्रोल किया जाता है। इस प्रोजेक्ट के तहत पैसंजर रीजनल ट्रेन में Automatic Train Operation टेक्नोलॉजी को लागू किया गया है।

अगर हम भारत में ड्राइवरलेस ट्रांसपोर्ट सिस्टम की बात करें तो वर्तमान में दिल्ली के मजेंटा लाइन में ड्राइवरलेस मेट्रो है, जो जनकपुरी वेस्ट और बॉटनिकल गार्डन को जोड़ता है। 6 कोचों वाला ये मेट्रो ट्रेन, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाई-टेक कैमरों और एडवांस्ड फीचर्स से लैस है।

जर्मनी में यह पहली चालक रहित ट्रेन उत्तरी शहर के S-Bahn rapid urban rail network में शामिल हो जाएगी। इसके लिए ऐसी चार ट्रेन उत्तरी शहर के इस नेटवर्क को ज्वाइन करेगी। हालांकि ये ट्रेन पूरी तरह से स्वचालित होगी और डिजिटल टेक्नोलॉजी से कंट्रोल होगी, फिर भी जब भी यात्री सवार होंगे, इसकी निगरानी के लिए एक ड्राइवर होगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है की ये ड्राइवरलेस ट्रेन दिसंबर से यात्रियों को ले जाने के लिए शुरू कर दी जाएगी। यह पूरी तरह से स्वचालित ट्रेनें, ऑपरेट, यानी की संचालन करने के टाइम में, इंसानों के दख़ल को कम करेंगी और यात्रियों के लिए अधिक विश्वास और सुरक्षा प्रदान करेंगी।