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अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने अपनी पड़ोस प्रथम नीति को प्राथमिकता देते हुए सहायता देने का फैसला किया है। श्रीलंका में नए साल के जश्न से पहले भारत ने 11,000 मीट्रिक टन चावल मंगलवार को कोलंबो भेजा। श्रीलंका में भारतीय दूतावास के मुताबिक, चेन ग्लोरी जहाज पर चावल कोलंबो पहुंचे। श्रीलंका में नया साल आम तौर पर 13 अप्रैल या 14 अप्रैल को मनाया जाता है और परंपरागत रूप से अमावस्या को देखते ही इसकी शुरुआत होती है।

भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि श्रीलंका के लोगों द्वारा नए साल के जश्न से पहले भारत से चावल की खेप कोलंबो पहुंच गई। बयान में कहा गया कि पिछले एक हफ्ते में श्रीलंका को भारत की मदद के तहत 16,000 टन चावल की आपूर्ति की गई है। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि ये आपूर्ति आगे भी जारी रहेगी, जो भारत और श्रीलंका के बीच विशेष संबंधों को दर्शाता है। इसबीच श्रीलंका ने मंगलवार को घोषणा की कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से राहत पैकेज मिलने तक अपने विदेशी कर्ज में चूक करेगा।

गौरतलब है कि श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच भारत ने ईंधन, सब्जियां, दैनिक राशन सामग्री और दवाओं की आपूर्ति कर देश की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया है। भारत अब तक श्रीलंका को 270,000 मीट्रिक टन से अधिक ईंधन की आपूर्ति कर चुका है और इससे पहले द्वीप राष्ट्र की डूबती अर्थव्यवस्था को किनारे करने में मदद करने के लिए एक और 1 बिलियन अमरीकी डालर के ऋण की घोषणा कर चुका है। कोलंबो के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट उनके खाद्य कीमतों और ईंधन की लागत को नियंत्रण में रखने में मदद करेगी।

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