आधुनिक युग के लोग इस धधकती हुई धरती को थोड़ा राहत देने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वो लगातार नई-नई टेक्निक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं इस ग्लोबल वार्मिंग जैसे सबसे बड़े प्रॉब्लम से निजात दिलाने के लिए इसराइल के एक स्टार्ट-अप ने एक बैलून बनाया है। आप इस बैलून को कोई ऐसा वैसा न समझे क्योंकि ये बैलून कार्बन डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक गैस को ट्रैप करने में मदद करेगी।
इसराइल की स्टार्ट-अप High Hopes Labs ने एक ऐसा बैलून डेवेलोप किया है जो अधिक ऊंचाई पर वातावरण से सीधे कार्बन को कैप्चर करता है। इस बैलून में एक पेलोड लगे हुए हैं जो की बैलून के साथ ही ऊपर जाते हैं। हवा, पेलोड के अंदर जाती है और पेलोड के अंदर एक तरह का फ्रीजर टाइप कोई मशीन रहता है जो की सिर्फ कार्बन को कैप्चर करता है। फिर इस कार्बन से पूरा कैन भर जाता है। जमे हुए कार्बन को फिर हवा से अलग करके पृथ्वी पर वापस लाया जाता है और इसे रिसायकल किया जाता है।
जैसा की हम सभी जानते हैं की फॉसिल फ्यूल के जलने से और इंडस्ट्री में बढ़ोतरी के कारण कार्बन डाइऑक्साइड एमिशन हो रहे हैं, जो की क्लाइमेट चेंज का मुख्य कारण है। लेकिन वातावरण से CO2 की मात्रा को कम करना एक मुश्किल काम है। अब इस बैलून की मदद से हम कार्बन को बहुत ही इजिली और बिना ज़्यादा परेशानी से कैप्चर कर सकते हैं।
गैस की सबसे खूबसूरत बात ये होती है की जब वो फ्रीजिंग टेम्परेचर के करीब होता है तो उसे कैप्चर करना काफी आसान होता है। आप यूँ समझ सकते हैं की जब आप सर्दी की सुबह में उठते हैं और देखते हैं की पत्तों पर बर्फ की एक पतली परत बनी है तो फिर उसे कैप्चर करना काफी आसान हो जाता है। ठीक यही चीज़ कार्बन के साथ भी होता है। कार्बन, लगभग माइनस 80 डिग्री सेल्सियस में जमता है और केवल एक ही जगह है जहाँ हम कार्बन को उसके करीब के टेम्परेचर में पा सकते हैं, और वो है हमारे सिर से 15 किलोमीटर ऊपर।
वैसे इस कंपनी का लक्ष्य दो साल के अंदर और भी बड़े बैलून बनाना है, जिससे एक दिन में एक टन कार्बन कैप्चर किया जा सके। अगर ये टेक्निक आगे भी कारगार साबित हुई है तो हमें ग्लोबल वार्मिंग से निजात पाने में काफी मदद मिलेगी।