पाकिस्तान की न्यायपालिका में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला। पाकिस्तान के न्यायिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है की कोई महिला जज सुप्रीम कोर्ट में जज बनाई गई हों। दरअसल, जस्टिस आयशा मलिक (Ayesha Malik) पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पहली महिला जस्टिस नियुक्त की गयीं हैं। लाहौर हाईकोर्ट की जस्टिस आयशा मलिक ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की जज के रूप में शपथ ली। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलत्रार अहमद ने जस्टिस आयशा को शपथ दिलाई।
A historic moment in the judicial history of Pakistan! Congratulations Justice Ayesha Malik on your appointment as Pakistan Supreme Court’s first female judge.#JusticeAyeshaMalik pic.twitter.com/ykdDzmvvl1
— Government of Pakistan (@GovtofPakistan) January 24, 2022
जस्टिस आयशा की नियुक्ति पर पाकिस्तान के प्रधनमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनने पर जस्टिस आयशा मलिक को बधाई देता हूं। मेरी ओर से उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं।” पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के अनुसार, कथित तौर पर महिलाओं की संख्या कुल न्यायाधीशों में 17 प्रतिशत और उच्च न्यायालयों में 4.4 प्रतिशत है।
आयशा मलिक ने कराची ग्रामर स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। कानूनी शिक्षा की तरफ उनका रुझान हुआ और लाहौर के कॉलेज ऑफ लॉ से डिग्री लेने के बाद उन्होंने अमेरिका में मेसाच्यूसेट्स के हॉवर्ड स्कूल ऑफ लॉ से एलएलएम की पढ़ाई की। आयशा मलिक की करियर की शुरुआत कराची में फखरूद्दीन जी इब्राहिम एंड कंपनी से शुरू किया। जस्टिस मलिक को मार्च 2012 में लाहौर हाई कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया था।