स्पेस टूरिज्म धीरे-धीरे एक रियलिटी बनते जा रही है। अंतरिक्ष की सैर को बढ़ावा देने के बाद अब चाँद की सैर की तैयारी भी जोरशोर से हो रही है और वो भी धरती पर। दरअसल, अमेरिका के लास वेगास में मून रिजॉर्ट (Moon Resort) बनने की तैयारी हो रही है, जो की एकदम चांद की तरह दिखेगा। यह 735 फीट ऊँचा और 650 फीट चौड़ा होगा। इसमें 4,000 होटल कमरे, 75,000 वर्ग फुट का स्पा, और 15,000 वर्ग फुट का क्लब और लाउंज शामिल हैं। इसके अलावा यहाँ 5,000 सीटों वाला कार्यक्रम केंद्र, 10,000 सीटों वाला अखाड़ा भी बनाया जायेगा। इस मून रिजॉट को बनाने में कई अत्याधुनिक चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
लॉस वेगास का ये रिजॉर्ट दुनिया भर में लॉन्च होने वाले चार मून-थीम वाले रिसॉर्ट्स में से एक है। इसके अलाव ऐसा ही रिजॉर्ट यूएई, चीन और स्पेन में भी बनाने की योजना की जा रही है। असली चाँद सा दिखाने के लिए इस रिजॉर्ट को कंक्रीट, स्टील, कांच, एल्यूमीनियम और कार्बन फाइबर कम्पोजिट से बनाया जायेगा।
इस लक्जरी कॉन्सेप्ट की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें विज्ञान को मनोरंजन का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। इसमें एक तारामंडल, एक वेधशाला और एक खोज केंद्र भी होगा। मनोरंजन के लिए, मेहमान 2,500 सीटों वाले थिएटर और 130,000 वर्ग फुट के कैसीनो में जा सकते हैं। मून-थीम से जोड़ने के लिए यहाँ एक नाइट क्लब भी बनाया जायेगा जो की सीधे “स्पेसशिप” के तहत तैयार किया जाएगा, और जो मेहमानों पर रोशनी बिखेरेगा। इसके अलावा यहाँ 5,000 लोगों की क्षमता वाला विशाल हॉल भी बनाया जायेगा जिसमें लोग लाइव इवेंट और फिल्म का मजा ले सकेंगे।
इस चाँद से देखने वाले रिजॉर्ट की सबसे अच्छी बात ये है की इसकी अपनी एक अलग हीं चाँद कॉलोनी होगी, जो की चाँद के परिवेश का एहसास कराएगी। ये कॉलोनी, चाँद से दिखने वाले इस रिजॉर्ट के गोले के ऊपरी आधे हिस्से में होगी। इस कॉलोनी तक पहुँचने के लिए, मेहमान “चाँद के शटल” की प्रतीक्षा कर रहे एक स्टेशन पर जाएंगे। रोलर कोस्टर की सवारी पर कारों की तरह डिज़ाइन किए गए ये शटल, होटल के सुइट के बाहरी हिस्से में घूमेंगे जो की मेहमानों को ऊपर की ओर ले जायेगा। एक बार मेहमान वहाँ पहुंच जायेंगे तो उन्हें इस 10-एकड़ की जगह की खोज में 90 मिनट बिताने का मौका मिलेगा। सबसे मज़ेदार बात ये है की वो ये समय एक “चाँद की छोटी सी गाड़ी” में चाँद के गड्ढों पर चक्कर लगाते हुए करेंगे। इस मून रिजॉर्ट की साल 2027 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।