नेपाल, भारत को महत्वपूर्ण परीयोजनाएँ सौंपने जा रहा है। नेपाल सरकार (Government of Nepal) ने 750 मेगावाट की वेस्ट सेती जलविद्युत परियोजना (West Seti Hydropower Project) और 308 मेगावाट की एसआर6 भंडारण जलविद्युत परियोजना (SR6 Storage Hydroelectric Project) का कॉन्ट्रैक्ट नेशनल हाइड्रो पावर कंपनी लिमिटेड (National Hydro Power Company Limited), भारत को सौंपने का निर्णय लिया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba) की अध्यक्षता में निवेश बोर्ड नेपाल (IBN) की 51वीं बैठक में कंपनी को यह कॉन्ट्रैक्ट देने का फैसला किया गया है। इसके तौर-तरीके IBN के साथ विचार-विमर्श के बाद तय किए जाएंगे। इस बिजली परियोजना के निर्माण से व्यापार घाटे को कम करने में भी मदद मिलेगी। नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, “नेपाल अपने दम पर वेस्ट सेती परियोजना का निर्माण नहीं कर पाएगा और उसके लिए एक भारतीय कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट देने की घोषणा की। भारत चीन द्वारा उत्पादित बिजली नहीं खरीदता है। वे चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली भी नहीं खरीदते हैं। इसलिए एक भारतीय कंपनी को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया।”
बता दें की, ऑस्ट्रेलियाई कंपनी स्नोई माउंटेन इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (SMEC) ने 17 साल के लिए वेस्ट सेटी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का लाइसेंस रखने के अलावा कुछ नहीं किया। नेपाल सरकार ने तब इस परियोजना को चीनी कंपनी चाइना थ्री गोरजेस इंटरनेशनल कॉरपोरेशन (CTGI) को दिया था, लेकिन चीनी कंपनी ने भी इसका निर्माण नहीं किया था।