एक तरह सरकार व प्रशासन ताबड़तोड़ तरीके से राज्य में बालू के अवैध खनन पर लगाम लगाने में जुटी है, तो वही दूसरी ओर माफिया लोग गुप्त रूप से इसके कारोबारी करने से बाज़ नहीं आ रहे। कुछ वक़्त पहले सरकार ने इसपर कानून बनाया और सख्ती के साथ कहा था कि “अगर कोई माफिया इस अपराध में पकड़ा जायेगा तो खनिज मूल्य के 25 गुना जुरमाना भरना होगा। साथ ही इस्तेमाल किये गए वहां ज़प्त कर लिए जायेंगे और 2 साल की जेल भी होगी।” इन् सब के बावजूद लोग बाज़ नहीं आ रहे, राज्य में कहीं न कहीं कोई इस अपराध में पकड़ा रहा है।
सरकार के रोक लगाने के बाद भी बालू की कारोबारी करने वाले लोग अलग-अलग तरीके से अपनी मनमानी करते दिख रहे है। बालू करोबारिया अब बालू के दाम मनमाने तरीके से बड़ा रहे है। हालांकि सरकार ने इसपर इसपर एक दाम तय कर दिया था मगर फिर भी कारोबारिया अपने मनमानी मुल्य पर बेच रही है। बात करे केवल राजधानी पटना की तो यहाँ सरकारी रेट से दोगुने – तिगुने दाम पर बालू की बिक्री हो रही है। इसी के साथ पूछे जाने पर कारोबारियों के अलग-अलग बहाने भी देखने को मिल रहे है।
आपको बता दें की सरकार द्वारा बालू की रेट 4528 रुपए प्रति 100 सीएफटी तय किया गया था, जिसमे ट्रैक्टर पर लोड करने का रेट 300 रुपए और ऊपरी कमीशन 200 रुपए थी। यानि की कुल मिलाकर 5028 रुपए जिसमे किलोमीटर के हिसाब से रास्ते भर का शुल्क जोड़ा जाये तो 5100 से 6000 तक एक ट्रेक्टर बालू की कीमत होती है। लेकिन कारोबारियों की मनमानी से हालत ऐसी हो गयी है की कही 10 हज़ार तो कई 15 हज़ार रुपए 1 ट्रेक्टर बालू बेचीं जा रही है।