अमेरिकी संसद ने थामा भारत का हाथ मैकमोहन लाइन की सीमा विवाद पर। अमेरिका ने चीन और अरुणाचल प्रदेश को बांटने वाली मैकमहोन लाइन को अंतरराष्ट्रीय सीमा माना है। प्रस्ताव पेश करने वाले सांसद बिल हागेर्टी और जेफ मार्कले ने कहा कि ‘जब चीन लगातार खुले और आजाद हिंद प्रशांत महासागर के लिए चुनौती बना हुआ है। ऐसे में जरूरी है कि अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो, खासकर भारत के साथ।’ इसके साथ ही अमेरिका संसद में इस पर द्विपक्षीय प्रस्ताव पेश किया गया है जिसमें अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग माना है।
अमेरिका-भारत के बीच की रणनीतिक साझेदारी को मजबूती की हुई बात
और चीन के एलएसी पर यथास्थिति बदलने के प्रयासों और सैन्य कार्रवाई की आलोचना की है। प्रस्ताव में अमेरिका-भारत के बीच की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और क्वाड में सहयोग बढ़ाने की बात भी कही गई है। वही ये मामला गरम है क्यूंकि चीन के सैनिकों और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पें हो चुकी हैं।
चीन की विरोध में कमी नहीं
जहा एक तरफ अमेरिका ने भारत का खुल कर साथ दिया और कहा कि अमेरिका, अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता है ना कि चीन का। वही दूसरी ओर चीन द्वारा सैन्य ताकत से एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिशों, विवादित स्थानों पर चीन द्वारा गांव बसाने और चीन के नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की भी अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की। इतना ही आगे भारत के साथ तकनीकी, आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया है। और चीन पर की भड़काऊ कार्रवाई के विरोध में भारत के स्टैंड की तारीफ भी की गई।