इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने अपने नए खबर से दुनिया को हिला दिया है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है। आईसीसी का मानना है कि राष्ट्रपति पुतिन पर यूक्रेन में युद्ध अपराधों के आरोप लगाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। दुनियाभर में पुतिन अपनी सुरक्षा और ताकत को लेकर चर्चित है। ऐसे में अरेस्ट वारंट एक बड़ा झटका ही है।
आईसीसी ने बयान में सबसे बड़ा आरोप लगाया है कि यूक्रेन के सैकड़ों बच्चों को अनाथालयों और बाल गृहों से रूस लाया गया है जिससे रूस में रह रहे परिवार उन्हें गोद ले सकें.हालांकि जानकार मानते हैं कि ऐसे मामले को आगे बढ़ाने में व्यावहारिक और तार्किक समस्याएं बहुत अधिक हैं. गिरफ्तारी वारंट इस प्रक्रिया का पहला कदम है।व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति हैं और दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक माने जाते हैं।
ये बात 17 मार्च को बताई गयी जिसमे व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ मारिया लवोवा-बेलोवा के ख़िलाफ़ भी अरेस्ट वॉरेंट जारी किया गया है जो रूस के चिल्ड्रेन्स राइट्स की कमिश्नर हैं। उन्हें यूक्रेन से बच्चों के आपराधिक डिपोर्टेशन के मामले में उन्हें दोषी पाया गया है। उन पर बच्चों को जबरन उनके देश से निकालने का आरोप है. जिस वक्त बच्चों को डिपोर्ट किया गया उन्हें चौथे जिनेवा कन्वेन्शन के तहत सुरक्षा दी गई थी। हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि दोषियों की ज़िम्मेदारी तय की जाए और बच्चों को वापिस उनके परिवारों के पास लाया जाए।
फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से राष्ट्रपति पुतिन ने सिर्फ आठ देशों का दौरा किया है. उनमें से सात ऐसे देश हैं जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करते थे.
ईरान इकलौता ऐसा देश है जो इस कैटेगरी में नहीं पड़ता है. उन्होंने पिछले साल जुलाई महीने में ईरान में वहां के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली ख़ामनेई से मुलाक़ात की थी.
ईरान ने ड्रोन और दूसरे सैन्य हार्डवेयर की आपूर्ति में रूस की मदद की है इसलिए ईरान की यात्रा में पुतिन को किसी भी संकट में नहीं डालने जा रही है। अगर पुतिन देश से बाहर निकले तो उन्हें हिरासत किया जा सकता है। रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कोर्ट के इस फ़ैसल को अस्वीकार्य बताया है।